शहर में शबे मेराज का ख़ुशू-ओ-ख़ुज़ू से एहतेमाम

हैदराबाद 05 मई: शहरे हैदराबाद में शबे मेराज का ख़ुशू-ओ-ख़ुज़ू के साथ एहतेमाम किया गया लेकिन बर्क़ी सरबराही के सबब तारीकी छाई रही। शहर में मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर अस्र के बाद से ही रात देर गए तक बर्क़ी सरबराही मुनक़ते रही जिसके सबब शबे मेराज के मौके पर की जाने वाली मख़सूस इबादात में ख़लल पैदा हुआ।

मग़रिब और इशा के वक़्त तक़रीबन निसफ़ शहर में बर्क़ी सरबराही मौजूद नहीं थी जिसके नतीजे में अवाम को मुश्किलात का सामना करना पड़ा। शहरे हैदराबाद के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर शबे मेराज के मौके पर जलसा हाय शबे मेराज उन्नबी (सल्लललाहु अलैहि वसल्लम) का इनइक़ाद अमल में आया। इन जलसों में मुल्क की मुख़्तलिफ़ रियास्तों से आए हुए उलमाए किराम ने शिरकत की और फ़ज़ाइल शबे मेराज बयान किए।

जामा मस्जिद चौक में इमारत मिल्लत-ए-इस्लामीया के ज़ेरे एहतेमाम क़दीम मर्कज़ी जलसा शबे मेराज का इनइक़ाद अमल में आया जहां हज़रत मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी उल-मारूफ़ जाफ़र पाशाह ने इस मर्कज़ी जलसा शबे मेराज से ख़िताब के दौरान उम्मते मुस्लिमा को तलक़ीन की के वो तोहफ़ा मेराज का एहतेराम करें और नमाज़ क़ायम करने में कोई कोताही ना करें। उन्होंने बताया कि अल्लाह ने मेराज उन्नबी(स०) के तवस्सुत से उम्मत को जो तोहफ़ा अता किया है, वो अज़ीम तोहफ़ा है जिसे नबी अकरम(स०)ने अपनी आँखों की ठंडक क़रार दिया है।

मौलाना मुहम्मद हुसामुद्दीन सानी जाफ़र पाशाह ने बताया कि नौजवानों को दीन की तरफ़ राग़िब करते हुए उन्हें नमाज़ का पाबंद बनाने की ज़रूरत है।
उम्मते मुस्लिमा में फैल रही बेराह रवी के ख़ातमे के लिए घर में दिनी माहौल पैदा करना ज़रूरी है।