शहर में ग़ैर मालना बर्क़ी कटेती , अवाम घरों और दफ़ातिर में रोशनी से महरूम

दोनों शहरों में ग़ैर मालना बर्क़ी कटेती से हट कर इज़ाफ़ी औक़ात में बर्क़ी सरबराही को मस्दूद करने के अमल ने शहरीयों , तलबा को तकलीफ़देह सूरते हाल से दो-चार कर दिया है बदतरीन अमर ये है कि जो शहरी रोज़ाना सुबह अपने घर में बर्क़ी कटेती से गुज़रते हैं उनके काम के मुक़ाम पर पहूंचने पर बर्क़ी कटेती इन का पीछा करती है।

शहर में मुख़्तलिफ़ औक़ात में बर्क़ी कटेती के औक़ात के बाइस बाज़ शहरीयों को तो दिन के 41ता 16 घंटों के काम के औक़ात में से ज़्यादा तर औक़ात बर्क़ी के बगै़र गुज़र जाते हैं। सियासी पार्टी के इक़तिदार में अवाम मसाइल के रेनुमा होने वाले अंबार का तसलसुल सदर राज में भी जारी है।

अवाम को इस अज़ाब से बचाने के लिए अब तक किसी भी पार्टी ने मसीहाई का काम अंजाम नहीं दिया तो आगे चल कर भी इस में बेहतरी की तवक़्क़ो मुश्किल है। गर्मा की आमद से पहले ही शहर को पहले बड़े थर्मल पावर स्टेशन से बर्क़ी की कम सरबराही अमल में आरही है।

पिछ्ले दो दिनों के दौरान दोनों शहरों के कई इलाक़ों में बर्क़ी कटेती का सिलसिला दो घंटे के बजाये कहीं चार घंटे तो कहीं 6 घंटे रहा है जब कि सेंट्रल डिस्कॉम ने सिर्फ़ दो घंटे बर्क़ी कटेती का एलान किया था लेकिन शहरीयों को 3 ता 5 घंटे ग़ैर मालना बर्क़ी कटेती का शिकार होना पड़ रहा है।
कई इलाक़ों में बर्क़ी कटेती का एन फ़ज्र की नमाज़ के वक़्त सुबह 6 बजे आग़ाज़ होता है। बाज़ मुक़ामात पर सरबराही आब भी उन्ही औक़ात में होती है तो मकीनों को बर्क़ी के बगै़र पानी का हुसूल मुश्किल होरहा है।

इन ग़ैर यक़ीनी मसाइल के बाइस शहरी अपने रोज़मर्रा के काम काज के औक़ात में भी तबदील लाए है। बर्क़ी हुक्काम का कहना हैके भोपली थर्मल पावर स्टेशन में बर्क़ी तैयारी में कमी के बाइस 500 मैगावाट बर्क़ी का नुक़्सान होरहा है।

इस वजह से बर्क़ी के मालना औक़ात से ज़ाइद औक़ात तक कटेती करनी पड़ रही है। जो एक आरिज़ी मरहला है। ए पी जेंकव के चैरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के विजय आनंद ने कहा कि थर्मल पावर स्टेशन में बर्क़ी पैदावार को बहाल करने और 500 मैगावाट के नुक़्सान को फ़ौरी दूर करने का काम होरहा है।

तवक़्क़ो है कि 24 घंटों में हम को मतलूब बर्क़ी हासिल होगी। दोनों शहरों के कई इलाक़ों में किसी इत्तेला के बगै़र घंटों बर्क़ी मस्दूद की जा रही है जिन इलाक़ों में सुबह 6 ता 9 बजे और 10 ता 11 बजे है वहां अब 10 बजे तक और एक बजे तक बर्क़ी कटेती होरही है। जिन मुक़ामात पर 10 ता 11 बजे बर्क़ी सरबराही बंद रहती है वहां रेलवे तत्काल रिज़र्वेशन के लिए भी मुसाफ़िरिन को नाकामी होरही है। 2 बजे दिन में मज़ीद एक घंटा बर्क़ी बंद की जा रही है। पुराने शहर में बर्क़ी सरबराही मुताल्लिक़ा बर्क़ी ओहदेदारों और कर्मचारीयों लाईन मैनों के रहम-ओ-करम पर है। यहां के शहरीयों की ज़िंदगी बेसबाती से गुज़र रही है।