शहाबुद्दीन को बिहार से तिहाड़ जेल शिफ्ट करने की मांग ले कर दायर की गयी याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। दोनों पक्षों की दलीलें मंगलवार को पूरी हो गईं।
आपको बता दूँ की पिछले दिनो बिहार के पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और तीन बेटों को गंवा चुके चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर ये मांग की है कि शहाबुद्दीन को बिहार से दिल्ली के तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जाए। फेयर ट्रायल नहीं होने से पीड़ित को भी होगी परेशानी इससे पहले सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या संविधान द्वारा प्रदत्त फेयर ट्रायल का अधिकार सिर्फ आरोपी को ही है ? क्या ये पीड़ित का अधिकार नहीं है ?
कोर्ट ने कहा था कि अगर फेयर ट्रायल नहीं होगा तो पीड़ित को भी परेशानी होगी। सुनवाई के दौरान शहाबुद्दीन के वकील ने कहा था कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। अगर उन्हें बिहार की जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करते हैं तो उनके अधिकारों का हनन होगा। अगर सारे 45 केस सीबीआई को ट्रांसफर किए गए तो मामले की सुनवाई में और देरी होगी क्योंकि मामलों से सम्बंधित दस्तावेज जुटाने में दो साल लग जाएंगे।