दरभंगा: सिवान के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की रिहाई के बाद से ऐसा लगता है कि बिहार ही नहीं पूरे भारत में भूचाल सा मच गया है। न्यूज़ चैनलों और कुछ हिंदी अख़बार ने तो अपनी चर्चा में शहाबुद्दीन को ऐसे हीरो के रूप में पेश किया है जैसे भारत में इससे बड़ा गुंडा कोई है ही नहीं।
जबकि दोगली मीडिया सच्चाई का सामना करने और सच्चाई दिखाने से भागती नजर आ रही है। ऐसा लगता है कि जिस तरह से भारत जैसे देश में जितने मुस्लिम युवा जेल से बाहर हैं उससे कहीं अधिक जेल की सलाखों में अपनी बेगुनाही की सजा काट रहे हैं उसी तर्ज पर शहाबुद्दीन को भी यहाँ की दोगली मीडिया और कुछ राजनीतिक नेताओं ने पुनः गलत मुकदमा से जोड़कर जेल में डालने की साजिश रच रहे हैं। जबकि मूल गुंडा अमित शाह, शाक्षी महाराज और खुद प्रधानमंत्री जो गुजरात दंगा के समय मुख्यमंत्री थे उन पर किसी की निगाह नहीं जाती कि आज देश की सबसे बड़ी कुर्सी से चिपके हुए हैं।
शहाबुद्दीन की रिहाई से भले ही महान गठबंधन में कुछ खटास आई हो या नहीं लेकिन भाजपा में तो पूरी तरह से दिखाई पड़ रहा है। हर दिन ब्लॉक स्तर से लेकर जिला स्तर पर अभियान चलाकर बिहार सरकार पर ज़बरदस्ती सी सी ए अधिनियम और पत्रकार हत्या मामले में फिर से जेल में डालने की नापाक कोशिश कर रहे हैं उससे साफ हो चुका है कि भाजपा किसी भी हाल में इस देश के मुसलमानों को सहन नहीं कर सकते। उन्हें केवल हिंदू राष्ट्र ही नजर आ रहा है चाहे देश कितने टुकड़े में क्यों न बट जाए। उक्त बातें ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के राष्ट्रीय सदरं नजरे आलम ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में मीडिया से बातचीत के दौरान कही। श्री नजरे आलम ने कहा कि जिस दिन से शहाबुद्दीन बाहर आये हैं उसी दिन से भाजपा कार्यकर्ताओं में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है क्योंकि उन्हें डर सताने लगा है कि अब उनकी गुंडागर्दी नहीं चलेगी। सिवान की धरती पर शहाबुद्दीन की अदालत में जो आम जनता के पक्ष में फैसले होते थे और सीवान में जो विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाती थी उसे यहां की मीडिया और कुछ दोगली राजनीतिक नेताओं ने गलत रूप में पेश करके आम जनता के मन में भगवा रंग घोलने की जो कोशिश कर रहे हैं इसे यहाँ की भोली भाली जनता समझ रही है।