Breaking News :
Home / Khaas Khabar / शादीयों में दौलत का दीवाना वार इसराफ़ इस्लामी तालीमात के नज़र अंदाज़

शादीयों में दौलत का दीवाना वार इसराफ़ इस्लामी तालीमात के नज़र अंदाज़

जनाब ज़ाहिद अली ख़ान चीफ़ एडीटर रोज़नामा सियासत ने मुसलमानों पर ज़ोर दिया कि वो अगर अपनी मईशत को बेहतर-ओ-मुस्तहकम बनाना चाहते हैं तो उन्हें चाहीए कि अपने बच्चों को बेहतर तालीम-ओ-तर्बीयत से आरास्ता करें और शादीयों में सादगी को इख़तियार करें।

वो आज शुजाअ कॉलेज , ताला गड्डा ,कारवां में 22 वीं दू बा दू मुलाक़ात प्रोग्राम को मुख़ातब कररहे थे ,जिस का एहतेमाम इदारा सियासत-ओ-माइनॉरिटीज़ डेवलपमेंट फ़ोरम ने किया था, उन्होंने कहा कि शादी की दावतों को ज़्यादा पर तकल्लुफ़ ना बनाते हुए इस्लामी तर्ज़ को इख़तियार किया जाना चाहीए ,आजकल मुस्लिम मुआशरे में धूम धाम से शादी की तक़रीब मुनाक़िद करते हुए अपनी धन-ओ-दौलत का इज़हार करने की रिवायत ब‌न चुकी है ये तरीका-ए-कार क़ाबिल-ए-मज़म्मत है।

उन्होंने लड़के वालों को मश्वरह दिया कि वो शादी के रोज़ तनावुल ताम पुर इसरार ना करे इस से लड़की वालों पर माली बोझ ज़्यादा होरहा है ताहम वलीमा की तक़रीब मुनाक़िद की जा सकती है जिस के आख़राजात लड़के वालों पर आइद होते हैं , उन्होंने इस बात पर अफ़सोस का इज़हार किया कि शादीयों में रंगा रंग प्रोग्राम का एहतेमाम किया जा रहा है इस के साथ साथ बाजा गाजा ,रक़्स-ओ-सुरूर की महफ़िलों का एहतेमाम पूरे मुआशरे के लिए बाइस-ए-शर्म है।

मआशी तौर पर पसमांदा मुसलमानों के लिए शादीयों के अख़राजात नाक़ाबिल बर्दाश्त होरहे हैं इस लिए एक एसा माहौल को तैयार करने की ज़रूरत है जिस में लड़के-ओ-लड़कीयों की शादियां निहायत आसानी के साथ होसके।

उन्होंने कहा कि इदारा सियासत-ओ-एम डी एफ़ की तरफ से पिछ्ले 6 बरसों में दो बा दो प्रोग्राम को एक मिशन-ओ-तहरीक की हैसियत हासिल होचुकी है।

जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने खासतौर पर लड़कों की माँ से इस बात की अपील की के वो नाम-ओ-नमूद और बेजा ख़ाहिशात की बुनियाद पर लड़की वालों से मुतालिबात ना करें ,दू बा दू प्रोग्राम से मुतास्सिर होकर रियासत के अज़ला में मुसलमान उस नौईयत के प्रोग्राम रखने के ख़ाहां हैं चुनांचे आज के प्रोग्राम में जनाब एम ए शकूर डायरेक्टर पंचशील बी एड कॉलेज निर्मल की ज़ेर क़ियादत एक वफ़द ने दू बा दू प्रोग्राम में शिरकत जिस में मुख़तार अहमद सदर जामिआ मस्जिद कमेटी निर्मल ,मुहम्मद इक़बाल अली (काटे वाले ) ,सयद जलील अज़हर स्टाफ़ रिपोर्टर निर्मल शामिल हैं।

वफ़द ने जनाब ज़ाहिद अली ख़ान से ख़ाहिश की के वो आइन्दा माह निर्मल शहर में दू बा दू मुलाक़ात प्रोग्राम मुनाक़िद करने के ख़ाहां हैं। जिस पर जनाब ज़ाहिद अली ख़ान ने रजामंदी का इज़हार किया।

उन्होंने कहा कि हलक़ा कारवां एक पसमांदा इलाक़ा है और इं शा अल्लाह इसी तरह कि फ़लाही काम यहां होते रहें तो वो दिन दूर नहीं कि ये हलक़ा जुबली हिलस के तर्ज़ पर तरक़्क़ी करसकेगा।

अबदुल्लाह आमिर शुजाअ सदर नशीन शुजाअ कॉलेज इंतेज़ामी कमेटी बहैसीयत मेहमान ख़ुसूसी शिरकत की। आबिद सिद्दीक़ी सदर एम डी एफ़-ओ-इस्लाह मुआशरा ने सदारत की।

उन्होंने कहा कि रिश्तों के इंतेख़ाब में दीनदारी और सलीक़ा मंदी को अव्वलीन एहमीयत दी जानी चाहीए , लड़कों के वालिदेन को चाहीए कि वो सीरत-ओ-किरदार को मयार इंतेख़ाब बनवाईं और मौजूदा मुस्लिम मुआशरे के हालात को पेशे नज़र रख कर अपनी सोंच और फ़िक्र में तबदीली लाएंगे , उन्होंने शुजाअ कॉलेज के प्रिंसिपल सयद एहतिशाम उद्दीन बदर से इज़हार-ए-तशक्कुर किया जिन्होंने दू बा दू प्रोग्राम के इनइक़ाद में फ़राख़दिलाना तआवुन क्या ,आलमे दीन मौलाना वसीम अलरहमन सिराज ने कुरआनी आयात के हवाले दीए और कहा कि अल्लाह ताआला ने मर्द को औरत पर निगरान मुक़र्रर किया है , इस लिए मुआशरे में अभी मर्द को बरतरी हासिल है लेकिन आज ख़वातीन मर्द पर हुक्मरानी करना चाहती है जिस से मुआशरे में बिगाड़ पैदा होरहा है।

उन्होंने कहा कि इस्लाम ने शादी बयान के मुआमलात में मुसलमानों की रहनुमाई की है। शादी को आसान-ओ-सहल और ज़ना को मुश्किल बनाने की तलक़ीन की गई है लेकिन इस के बरअक्स काम किया जा रहा है।

उन्हों ने कहा कि सरकार दो जहां ने लड़की के इंतेख़ाब में चार बुनियादी बातों को पेशे नज़र रखने की तलक़ीन की है जिस में सूरत-ओ-शक्ल ,माल ,ख़ानदान और दीनदारी शामिल है लेकिन इन चारों बातों में सीरत-ओ-किरदार-ओ-दीनदारी को अव्वलीन तर्जीह दी गई है ता के घरेलू ज़िंदगी सुकून और ख़ुशहाली के साथ गुज़र सके। उन्होंने इस मौके पर इस्लाह मुआशरे पर नज़म पेश की। मौलाना क़ारी अबदालसबूर की क़िरअत कलाम पाक से जलसे का आग़ाज़ हुआ। इब्तिदा में जनाब उसमान बिन मुहम्मद अलहाजरी ने ख़ैर मुक़द्दम करते हुए जनाब ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा स्यात् को मुहसिन मिल्लत क़रार दिया।

Top Stories