शान-ए रिसालत में गुस्ताख़ी के ख़िलाफ़ लीबिया और मिस्र में इस्लाम पसंदों का पुर तशद्दुद एहतिजाज

एक अमरीकी फ़िल्म में दीन-ए-इस्लाम और पैग़ंबर इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (स०अ०व०)की शान में गुस्ताख़ी पर ब्रहम मुस्लमानों ने लीबिया के मशरिक़ी शहर बन ग़ाज़ी में अमरीकी कौंसुलेट पर हमला करते हुए अमरीकी सफ़ीर(राजदूत) बराए लीबिया क्रिस्टोफ़र असटीवन और क़ौंसल ख़ाना के दीगर तीन अमरीकी मुलाज़मीन को हलाक कर दिया। अरबी न्यूज़ चैनल अलजज़ीरा ने लीबिया की वज़ारत-ए-दाख़िला (ग्रह मंत्री) के हवाला से ये ख़बर दी है।

इस चैनल ने कहा कि अमरीकी सफ़ीर(राजदूत) क्रिस्टोफ़र असटीवन बिन ग़ाज़ी के मुख़्तसर दौरा पर गए हुए थे जहां गुज़श्ता रात क़ौंसल ख़ाना को ब्रहम मुस्लमानों के हमले का निशाना बनाया गया।

वो राकेट हमला में हलाक होगए जबकि एक और इत्तिला ये है कि वो (क्रिस्टोफ़र) अपनी जान बचाने के लिए क़ौंसल ख़ाना के किसी महफ़ूज़ मुक़ाम पर रुपोश(गायब) हुए थे जहां वो अपने दो सिक्योरिटी गारडज़ के साथ दम घुटने के सबब फ़ौत होगए ।

इस क़ौंसल ख़ाना का एक और मुलाज़िम भी हलाक होगया जिस की शहरियत की फ़ौरी तौर पर शनाख़्त नहीं होसकी है। सैंकड़ों ब्रहम मुज़ाहिरीन , अपने हाथ में हथियार लिए और हुआ मैं फायरिंग करते हुए बिन ग़ाज़ी में वाक़ै अमरीकी क़ौंसल ख़ाना पर पहूंच गए और सख़्त तरीन सिक्योरिटी में रहने वाले इस सिफ़ारती इदारा को हमला का निशाना बनाया ।

मुज़ाहिरीन में शामिल चंद अफ़राद ने वहां तैनात लीबियाई सिक्योरिटी गारडज़ से तसादुम के दौरान क़ौंसल ख़ाना पर दस्ती बमों के ज़रीया हमला कर दिया। बादअज़ां(इसके बाद) मुज़ाहिरीन अपने शदीद जज़बात से बेक़ाबू होगए और क़ौंसल ख़ाना को ही नज़र-ए-आतिश कर दिया ।

इस्लाम पसंद एहितजाजियों ने मिस्र के दार-उल-हकूमत (राज्यधानी) क़ाहिरा में भी अमरीकी सिफ़ारतख़ाना की फ़सील को तोड़ दिया । ज़बरदस्ती अंदर घुस कर इमारत पर लहराने वाले अमरीकी पर्चम को उखाड़ फेंक दिया ।अमरीकी पर्चम की जगह इस्लामी पर्चम लहरा दिया गया ।

लीबिया और मिस्र में अमरीकी सिफ़ारतख़ानों पर बदतरीन हमला के ये अपनी तारीख के पहले वाक़ियात हैं जिन की माज़ीमें कोई नज़ीर नहीं मिलती। ये वाक़ियात एक एसे वक़्त पेश आए हैं जब ये दोनों ही ममालिक तवील अर्सा तक हुक्मरानी करने वाले डिक्टेटरों मुअम्मर क़ज़ाफ़ी और हसनीमुबारक के ज़वाल के बाद अपने हालात को मामूल पर लाने की जद्द-ओ-जहद में मसरूफ़ हैं।

बयान किया जाता है कि पैग़ंबर –ए-इस्लाम-ओ-मुहसिन इंसानियत हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा(स०अ०व०)की शान मुबारक में गुस्ताख़ी पर मबनी एक अंग्रेज़ी फ़िल्म के ख़िलाफ़ अचानक ये एहतिजाज फूट पड़ा। अरबिया न्यूज़ चैनल ने ऐनी शाहिदीन के हवाला से कहा कि हमला आवर ज़बरदस्ती अमरीकी सिफ़ारतख़ानों में घुस पड़े थे जहां अमरीकी पर्चम उखाड़ते हुए वहां इस्लामी बैनर्स लहरा दिए गए ।

वाज़ेह रहे कि अमरीका में वाक़ै कोपटक ग्रुप की तरफ़ से बनाई गई एक फ़िल्म में दीन इस्लाम और पैग़ंबर इस्लाम की शान मुबारक में गुस्ताख़ी के ख़िलाफ़ सब से पहले मिस्र में अमरीकी सिफ़ारतख़ाना को एहितजाजी मुज़ाहरा और हमले का निशाना बनाया गया और कुछ ही घंटों बाद लीबिया ने इस की तक़लीद की

जहां बन ग़ाज़ी में अमरीकी क़ौंसल ख़ाना पर हमला ख़ुद अमरीकी सफ़ीर(राजदूत) के लिए जान लेवा साबित हुआ जो ब्रहम हुजूम से बचने के लिए रूपोशी के दौरान जिस (दम घुटने) से फ़ौत होगए । ताहम अमरीकी ओहदेदार ने इन दोनों वाक़ियात में किसी रब्त के सवाल पर पस-ओ-पेश का इज़हार कर रहे हैं।

दोनों वाक़ियात को एक दूसरे से मरबूत क़रार दीए जाने से मुताल्लिक़ एक सवाल पर अमरीकी महिकमा-ए-ख़ारजा के एक सिनयर ओहदेदार ने कहा कि हम इन दोनों वाक़ियात के दरमियान किसी रब्त की तौसीक़(पुष्टि ) नहीं कर सकते।

अमरीकी दफ़्तार-ए-ख़ारजा की तर्जुमान विक्टोरिया नौलैंड ने बन ग़ाज़ी में अमरीकी क़ौंसल ख़ाना पर हमले की तौसीक़(पुष्टि ) की और कहा कि अहाता को महफ़ूज़ बनाने के लिए लीबियाई ज़िम्मेदारों के साथ काम किया जा रहा है । उन्हों ने कहा कि हम अपने सिफ़ारती मिशन पर हुए हमले की सख़्त तरीन मुज़म्मत करते हैं।