शाम की बे रहमाना ख़ानाजंगी के दौरान 2013 खूंरेज़ तरीन साल साबित हुआ है। एक ग़ैर सरकारी तंज़ीम के दावे के बामूजिब इस साल 73 हज़ार से ज़्यादा अफ़राद हलाक कर दिए गए।
शामी रसदगाह बराए इंसानी हुक़ूक़ ने कहा कि बैनुल अक़वामी बिरादरी शाम में अवाम के क़त्ले आम में मुलव्विस है क्योंकि वो शाम की खूंरेज़ ख़ानाजंगी को रोकने के लिए संजीदगी से कोई इक़दाम करने से क़ासिर रहे।
बर्तानिया में क़ायम ग्रुप ने कहा कि इस ने 73,455 अफ़राद की हलाकत का दस्तावेज़ी सबूत हासिल किया है जो जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2013 के दरमयान हलाक किए गए।