शाम में सदर बशारुल असद के ख़िलाफ़ तीन साला तहरीक बग़ावत के दौरान अल्वी क़बीला उन के हर अव्वल दस्ते के तौर पर बाग़ीयों के ख़िलाफ़ सरगर्म रहा है, लेकिन गुज़िश्ता डेढ़ माह के दौरान बाग़ीयों और दीगर ग्रुपों के हाथों जिस तवातर के साथ अल्वी क़बीले के लोगों की हलाकतें हुई हैं, उस के बाद ये क़बीला भी सदर असद पर सख़्त ब्रहम है।
उसे शिकवा है कि बशारुल असद सिर्फ़ अल्वी लोगों को जंग में झोंक रहे हैं जबकि ख़ुद ऐशो आराम की ज़िंदगी बसर करते हैं। अल्वी क़बीले की ब्रहमी का अंदाज़ा सोशल मीडिया पर जारी एक मुहिम से हो रहा है।
ये मुहिम उसी क़बीले के लोगों ने फेसबुक और ट्यूटर पर शुरू की है जिसे आप का इक़्तिदार हमारे बच्चों के लिए मौत का ताबूत साबित हो रहा है का नाम दिया गया है।
अल्वी क़बीले के लोगों का कहना है कि उन के अज़ीज़ो अका़रिब को जंग में अगले मोर्चों पर भेजा जाता है जबकि सदर बशारुल असद और उन के मुक़र्रबीन वो दीगर हाशीया बरदार दमिश्क़ में अपनी महफ़ूज़ पनाह गाहों में रहते हैं।
अल्वी क़बीले की जानिब से हुकूमत के ख़िलाफ़ एहतेजाज इस बात का सबूत है कि बशारुल असद अब अपने मुक़र्रबीन की वफ़ादारियों से भी महरूम हो रहे हैं।