शाम (सीरिया) के मैदान-ए-जंग से मिलने वाली इत्तिलाआत में बताया गया है कि बाग़ीयों ने शुमाली (उत्तरी ) शहर हलब के नवाही (पास के) इलाक़ों से सदर (राष्ट्रपती) बशार अल असद की हामी फ़ौज को निकाल बाहर किया है जहां अब बाग़ीयों का मुकम्मल कंट्रोल है। दूसरी जानिब इत्तिलाआत हैं कि सरकारी फ़ौज हलब के मज़ाफ़ाती (उपनगरीय) इलाक़ों का क़बज़ा दुबारा हासिल करने के लिए किसी बड़े ऑप्रेशन की तैय्यारी कर रही है।
ख़्याल रहे कि तुर्की की सरहद से मुल्हिक़ा शहर हलब गुजिश्ता कई माह से बाग़ीयों और हुकूमत नवाज़ फ़ौज के दरमयान मैदान-ए-जंग बना हुआ है। बशार अल असद की फ़ौज की जानिब से वह्श्यना गोला बारी से बड़े पैमाने पर शहर में तबाही फैल चुकी है और मुसलसल हलाकतें भी जारी हैं। इंसानी हुक़ूक़ के मंदूबीन (रिपोर्टर्स) की फ़राहम करदा इत्तिलाआत में बताया गया है कि हलब के आस पास के इलाक़ों में सरकारी फ़ौज की अदम (गैर) मौजूदगी के बाइस (वजह से) रोज़ाना हज़ारों की तादाद में शहरी सड़कों पर निकल कर एहतिजाज करते हैं।
अलबत्ता (लेकिन) बाग़ीयों और मुज़ाहिरीन पर शामी फ़िज़ाईया (वायू सेना) के हमले बदस्तूर जारी हैं, जिन में बड़े पैमाने पर हलाकतें हो रही हैं। बाग़ी फ़ौज के एक अहलकार ने बताया कि उन्हों ने हलब के मुज़ाफ़ात में 90 फीसद इलाक़े आज़ाद करा लिए हैं। शहर के शुमाल (उत्तर ), मशरिक़ (पूर्व) और मग़रिब (पश्चिम ) में फ़्री आर्मी का कंट्रोल है जबकि सरकारी फ़ौज सिर्फ़ हलब शहर के अंदर मख़सूस फ़ौजी चौकीयों तक महिदूद हो कर रह गई है।
बाग़ी फ़ौज के ओहदेदार ने कहा कि शहर के आस पास के इलाक़ों से हुकूमती हामीयों की पसपाई के बाद बशार अल असद के सिपाही ख़ुद को एक बड़े हमले के लिए मुनज़्ज़म कर रहे हैं। राबिता कमेटीयों के मुताबिक़ सरकारी फ़ौज क़बज़ा छुड़ाने के लिए बाग़ी फ़ौज पर हेलीकॉप्टरों और जंगी तय्यारों के ज़रीये हमले कर रही है। उधर तुर्की की सरहद के क़रीब सरकारी फ़ौज की कमान में लड़ने वाले पच्चास फ़ौजी आफ़िसरान और सिपाही टैंकों और अपने असलहा समेत बाग़ीयों से जा मिले हैं,जिस के बाद फ़ौज को सख़्त दुशवारी (मुशकिल) का सामना करना पड़ा है।
हलब के अलावा कई दूसरे शहरों जिन में जबल अल जाविया, अदलब, हमाए, हुम्मस, दरआ और दमिशक़ शामिल हैं के मज़ाफ़ाती (उपनगरीय) इलाक़ों में भी फ़ौज की कमान ढीली पड़ चुकी है। इन शहरों के कई कस्बों में फ़्री आर्मी ने कंट्रोल सँभाल रखा है। इन इलाक़ों में गुजिश्ता चंद रोज़ के दौरान बाग़ीयों ने तबाहकुन कार्यवाईयां की हैं, जिन में 150 सरकारी फ़ौजी हलाक और 17 टैंक तबाह कर दिए गए हैं।