रियास्ती-ओ-मर्कज़ी हुकूमतों और क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन से शिकायत का फ़ैसला, मुहम्मद सिराज उद्दीन हैदराबाद /22 अक्तूबर (सियासत न्यूज़) सदर प्रदेश कांग्रेस अक़ल्लीयत डिपार्टमैंट मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने शाही मस्जिद बाग़े आम्मा की 3362 मुरब्बा गज़ वक़्फ़ अराज़ी का बेजा इस्तिमाल होने पर सख़्त तशवीश का इज़हार करते हुए रियास्ती-ओ-मर्कज़ी हुकूमतों के इलावा क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन से इस की शिकायत करते हुए वक़्फ़ अराज़ियों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए ज़रूरी इक़दामात करने नुमाइंदगी का फ़ैसला किया है। हुक्मराँ जमात में पार्टी के अहम ओहदा पर फ़ाइज़ रहने के बावजूद वक़्फ़ जायदादों की तबाही और मुस्लमानों के साथ होने वाली हक़तलफ़ी के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने में हमेशा पेश पेश रहने वाले मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने आज फिर एक बार वक़्फ़ जायदाद की तबाही की निशानदेही की है। उन्हों ने हक़ क़ानून मालूमात से इस्तिफ़ादा करते हुए सर्वे कमिशनर आफ़ वक़्फ़ ए पी सकरीटरीट को 9 सितंबर 2011-ए-को एक मकतूब रवाना करते हुए शाही मस्जिद बाग़े आम्मा की अराज़ी से मुताल्लिक़ तफ़सीलात तलब की हैं। जिस पर सर्वे कमिशनर ऑफ़िस वाक़्य सकरीटरीट स्टेट पब्लिक इन्फ़ार्मेशन कमिशनर आफ़ ने जवाब में जो तफ़सीलात पेश की हैं, वो चौंका देने वाली है। मिस्टर मुहम्मद सिराज उद्दीन ने बताया कि पहले सर्वे रिपोर्ट में 13,811 मुरब्बा गज़ अराज़ी शाही मस्जिद के तहत होने का जहां तज़किरा किया गया है, वहीं दूसरे सर्वे की भी तफ़सीलात पेश करते हुए ये वज़ाहत करदी गई है कि अब 10,449 मुरब्बा गुज़र अराज़ी शाही मस्जिद के तहत है, बाक़ी 3362 मुरब्बा गज़ अराज़ी बाग़े-ए-आम और असैंबली रोड वग़ैरा के लिए इस्तिमाल होने का इद्दिआ किया है, जो काबिल-ए-मुज़म्मत है। महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद सिर्फ़ शाही मस्जिद का नगर इनकार है, किया महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद ने फ़ैसला करने से क़बल रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड से कोई इन ओ सी हासिल किया है?। अगर नहीं किया है तो जिस वक़्फ़ अराज़ी को काबिल-ए-इस्तेमाल बनाया गया है, किया उतनी ही अराज़ी इसी अहाता में मुतबादिल अराज़ी के तौर पर शाही मस्जिद के हवाले की गई है?। इस पर हुकूमत बिलख़सूस महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद को वज़ाहत करना ज़रूरी है। क़लब शहर की वक़्फ़ जायदाद का ये हाल है तो अज़ला में क्या होगा? इस पर ग़ौर करने की ज़रूरत है। जब पब्लिक गार्डन और सड़क के लिए मस्जिद की अराज़ी हासिल की गई है तो फिर जुमा की नमाज़ के लिए बाग़े-ए- आम्मा मस्जिद पहुंचने वाली गाड़ीयों से पार्किंग फ़ीस क्यों वसूल की जा रही है?। वो वक़्फ़ अराज़ी के बेजा इस्तिमाल के ख़िलाफ़ रियास्ती-ओ-मर्कज़ी अक़ल्लीयती बहबूद उमूर से वाबस्ता वुज़रा मिस्टर मुहम्मद अहमद उल्लाह, मिस्टर सलमान ख़ुरशीद, राज्य सभा के नायब सदर नशीन रहमान ख़ान, सोनीया गांधी के सयासी मुशीर मिस्टर अहमद पटेल, क़ौमी अक़ल्लीयती कमीशन के सदर नशीन मिस्टर वजाहत हबीबउल्लाह और रियास्ती वक़्फ़ बोर्ड के सदर नशीन से इस बात की शिकायत करेंगे और वक़्फ़ अराज़ी का जो बेजा इस्तिमाल हुआ है, वो अराज़ी दुबारा शाही मस्जिद के हवाले करने के हक़ में नुमाइंदगी करेंगे।