शिंदे की ज़िंदगी पटना तक महदूद नहीं :सलमान खुर्शीद

मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे की एक बोलीवुड की मूसीक़ी की रस्म इजरा तक़रीब में शिरकत पर बी जे पी की तन्क़ीद को खारिज‌ करते हुए कांग्रेस के क़ाइद सलमान खुर्शीद ने कहा कि सुशील कुमार शिंदे की ज़िंदगी पटना से मावरा भी है। पटना में सिलसिला वार बम धमाकों के चंद घंटे बाद शिंदे ने रस्मे इजरा तक़रीब में शिरकत की थी।

सलमान खुर्शीद ने बी जे पी के विज़ारते उज़मा के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर भी तन्क़ीद की। जिन्होंने बम धमाकों के बावजूद पटना का जलसा जारी रखा था। उन्होंने कहा कि एक ऐसे वाक़े के बाद जो कुछ होने वाला था उसे रोक दिया जाना चाहिए था। शिंदे का मूसीक़ी की रस्मे इजरा में शिरकत का दिफ़ा करते हुए वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा ने कहा कि शिंदे की ज़िंदगी पटना से मावरा भी है। बेशक एक उल-मनाक वाक़िया पेश आया था लेकिन नज़म‍-ओ‍-ज़ब्त की बरक़रारी रियास्ती हुकूमत का फ़र्ज़ है।

अगर रियास्ती हुकूमत अगर शिंदे या मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला को सूरत-ए-हाल की ज़िम्मेदारी क़बूल करने की ख़ाहिश करना होता तो वो टेलीफ़ोन पर दस्तयाब थे। मर्कज़ी वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा ने मोदी से सवाल किया कि उन्होंने अपना जलसा मुअत्तल क्यों नहीं किया। शिंदे की ज़िंदगी के मामूलात पर मोदी की तन्क़ीद पर रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी को कुछ नहीं हुआ लेकिन किसी ने उन से ऐसे सवालात नहीं किए।

मोदी ने तक़रीर जारी रखी ,मरने वाले अवाम के बारे में उन्होंने एक लफ़्ज़ भी नहीं कहा क्योंकि ये उनकी पहले से तैयार करदा तक़रीर के मतन में शामिल नहीं था। मर्कज़ी वज़ीर ने मोदी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि धमाकों में ज़ख़मी होने वालों की इयादत के बजाय उन्होंने जलसा जारी रखा। क्या उन्हें ज़ख़मीयों की मिज़ाजपुर्सी करना नहीं चाहिए था ,क्या वाक़िये के बारे में मालूमात हासिल करने इनका फ़र्ज़ नहीं था ,उन्होंने अपनी तक़रीर जारी रखी और ये बदतरीन कार्रवाई है।