मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना के जरिए एक बार फिर आजम खान पर निशाना साधा है। शिवसेना को जी क्यों घेरते हो? आजम खान की जुबान खींचों के शीर्षक से सामना में एक लेख प्रकाशित किया गया है। इस लेख में शिवसेना ने कहा है कि मुंबई के कुछ लोग कभी भी उठकर शिवसेना पर कटाक्ष कर देते हैं। एसी चेम्बर में बैठकर आलोचना के लिए बुद्धि की जरूरत नहीं होती, लेकिन उन लोगों को आजम खान जैसे लोगों को आड़े हाथों लेने की हिम्मत दिखानी होगी।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार शिवसेना ने कहा है कि आजम खान ने प्रधानमंत्री पर फिर कटाक्ष किया है, मुझे चाय बनाना आता है, अच्छे कपड़े पहनना आता है, ड्रम बजाना आता है, तो मैं प्रधानमंत्री बन सकता हूं। शिवसेना के अनुसार प्रधानमंत्री का इस तरह मजाक उड़ाना मुनासिब नहीं है, आजम खान के सिर पर मखमली टोपी ज़रूर है , लेकिन खोपड़ी में दिमाग बिल्कुल भी नहीं है।
शिवसेना ने आगे कहा कि आजम खान प्रधानमंत्री बनने का पहाड़ा पढ़ रहे हैं, लेकिन इसके लिए देशभक्ति का खून में होना आवश्यक है, जो मोदी के खून में है। आजम खान के खून में क्या है? कुछ कहा नहीं जा सकता। आजम खान ने मुसलमानों की राजनीति करने में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि वह उनकी रोज़ी रोटी का सवाल है, लेकिन उठते बैठते मुसलमानों को भड़का कर आग लगाना और उस पर राजनीतिक कबाब सेंकना उग्रवाद है।