शिवसेना ने ओवैसी को दी चुनौती….

मुंबई: शिवसेना ने पीर के रोज़ ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) को इंतेबाह दिया कि अगर वह शहर में अज़ीम लोगों के यादगार की तामीर को नाजायज मानती है, तो वह महाराष्ट्र में सरकारी जमीनों पर बनी हजारों गैर कानूनी मस्जिदें ढहा कर दिखाए।

शिवसेना ने पार्टी के अखबार सामना के इदारिया में कहा, ‘क्या वे गैर कानूनी मस्जिदों को ढहाने की मांग करेंगे? मुसलमानों को हज के दौरान सब्सिडी से बहुत फायदा होता है। यहां तक की हज रियायत भी सरकारी खजाने से आती है। क्या यह आवामी रकम की बरबादी नहीं है।’

एआइएमआइएम ने हाल ही में मांग की थी कि आवामी जमीन और रकम का इस्तेमाल अहम लीडरों के यादगार की तामीर पर नहीं किया जाना चाहिए। एआइएमआइएम ने शहर में छत्रपति शिवाजी, शिवसेना के बानी बाल ठाकरे और सीनीयर भाजपा लीडर गोपीनाथ मुंडे के Memorial Construction की मुहिम पर नाराज़गी जताई थी।

एआइएमआइएम ने दलील दिया था कि इस आवामी फंड्स का इस्तेमाल लीडरों के नाम पर अस्पतालों की तामीर पर किया जाना चाहिए। पार्टी एमएलए इम्तियाज जलील ने कहा कि अगर इस तरह के यादगार स्टैचू बनाने हैं तो उन्हें ज़ाती जमीन पर बनाया जा सकता है।

सामना के मुताबिक, ‘पार्टी चीफ अकबरुद्दीन ओवैसी से इसी बात की उम्मीद की जा सकती है। इन्होंने औरंगजेब के मज़ार पर नमाज अदा किये है। आखिरकार, एआईएमआईएम औरंगजेब और अफजल खान से मुतास्सिर है।’

जलील ने इंतेबाह दिया था कि अगर एआइएमआइएम की मांग नहीं मानी गई तो उनकी पार्टी अदालत का दरवाजा खटखटाएगी। शिवसेना ने इसे महाराष्ट्र के साथ धोखा बताया है।