शिवसेना-भाजपा के रिश्तों में पड़ी दरार !

मनसे के सदर राज ठाकरे और भाजपा के लीडर नितिन गडकरी की पीर के रोज़ हुई मुलाकात के बाद शिवसेना और भाजपा के रिश्तों में एक बार फिर से दरार आने की खबर है | इस मुलाकात से नाराज शिवसेना सदर उद्धव ठाकरे ने भाजपा के रियासती सदर देवेंद्र को देर रात मातोश्री बुलाया | ज़राये का कहना है कि राज के बारे में देवेंद्र से भाजपा के हालात साफ करने को कहा गया है |

इससे पहले शाम के वक्त शिवसेना भवन में मुनाकिद इत्तेहाद की बैठक में उद्धव ने जाने से इनकार कर दिया उनकी जगह सीनीयर लीडर सुभाष देसाई पार्टी की कियादत कर रहे थे | पार्टी के एक सीनीयर लीडर के मुताबिक इस बैठक में राज के बारे में कोई बात नहीं हुई | इस बीच खबर यह भी है कि गडकरी से मुलाकात के बाद राज ने भी अपनी पार्टी के सीनीयर लीडरों के साथ बैठक की | इसके बाद 4 से 5 सीटों पर लोकसभा के इलेक्शन लड़ने के इम्कान जताए जा रहे है लेकिन इन सीटों के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है |

शिवसेना और भाजपा का इत्तेहाद 20 साल से ज्यादा पुराना है | इस इत्तेहाद ने महाराष्ट्र में एक बार हुकूमत भी बनाई है | लेकिन शिवसेना चीफ बाल ठाकरे के इंतेकाल के बाद शिवसेना पर भाजपा का दबाव बढ़ता ही जा रहा है | दूसरी तरफ भाजपा की कियादत वाली एनडीए को मजबूत करने के लिए नए साथी को भी लाने की मुसलसल कोशिश हो रही है |

बिहार में रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी की तरह अब महाराष्ट्र में भी राज की मनसे को शामिल करने की कोशिश हो रही है |

लेकिन शिवसेना के एहतिजाज की वजह से यह मुम्किन नहीं हो पा रहा है. हालांकि, राज और गडकरी के ताजा मुलाकात के बाद इत्तेहाद और आरपीआई के लीडर रामदास आठवले ने भी कहा है कि राज इत्तेहाद का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उनका इस्तेकबाल किया जाएगा |

इधर भाजपा के ज़राये का कहना है कि इत्तेहाद में शामिल दूसरी पार्टी भी ऐसा ही जज़्बात रखते हैं | उद्धव की मुखालिफत घरेलू है | राज उनके चचेरे भाई हैं और शिवसेना का मराठी वोट अपनी ओर खींच रहे हैं | पिछले इलेक्शन में मनसे के 11 उम्मीदवार मैदान में थे जिसकी वजह से शिवसेना-भाजपा को 9 सीटों का नुकसान हुआ था |

ज़राये का कहना है कि पिछले इलेक्शन से सबक लेते हुए राज को इंतेखाबी मैदान से हटने के लिए गडकरी मना रहे हैं | लेकिन उद्धव जिस तरह से नाराज दिख रहे हैं और इत्तेहाद पर खतरा मंडरा रहा है, उससे भाजपा के मरकज़ी लीडरों ने उद्धव को अभी कोई पुख्ता जवाब नहीं दिया है |