मुआशरे की तामीर-ओ-तरक़्क़ी में ख्वातीन असातिज़ा का अहम हिस्सा होता है। तलबा के अख़लाक़-ओ-किरदार, तालीम-ओ-तर्बीयत के असातिज़ा ही ज़िम्मेदार हैं। इन ख़्यालात का इज़हार मुहतरमा नसीम सुलताना मुआविन नाज़िमा हलक़ा ख़वातीन जमात-ए-इस्लामी हिंद आंधरा प्रदेश ने जमात-ए-इस्लामी हिंद निज़ामाबाद ( शोबा ख़वातीन ) की जानिब से मुनाक़िदा टीचर्स कनवेनशन ( बराए ख़वातीन ) के इख्तेतामी इजलास से ख़िताब करते हुए किया।
उन्होंने कहा कि मिसाली उस्ताद दरस-ओ-तदरीस के ज़रीया अपने शागिर्दों के लिए एक काबिल तक़्लीद नमूना पेश करता है। मुहतरमा सुरय्या कुलसूम रुकन जमात-ए-इस्लामी ने हुज़ूर स०अ०व० बहैसीयत मुअल्लिम के उनवान पर तक़रीर की और कहा कि हुज़ूर अकरम स०अ०व० की मुअल्लिमाना हैसियत और आप स०अ०व० की हिक्मत तदरीस और आप का तर्ज़ तालीम ना सिर्फ इंसान के ज़ाहिर को बदला बल्कि उनके बातिन को भी बदल डाला।
हुज़ूर अकरम स०अ०व० की हिक्मत तदरीस में शीरीं ब्यानी एक बुनियादी वस्फ़ का दर्जा रखते थे। आप (स०अ०व०) की गुफ़्तगु में अदबी लताफ्तों, बलीग़ इस्तेआरौं और ख़ूबसूरत मिसालें इस अंदाज़ में मिलती थीं कि मुख़ातिब इसका असर लिए बगै़र नहीं रह सकता था।
मसलन ख़शीयत इलाही के नुक्ते की वज़ाहत करते हुए फ़रमाया जब अल्लाह ताला के ख़ौफ़ और इसकी हैबत से किसी बंदा के रोंगटे खड़े होते हैं तो उस वक़्त इसके गुनाह ऐसे झड़ जाते हैं जैसे किसी पुराने सूखे दरख़्त के पत्ते झड़ जाते हैं।आप स०अ०व० ने कभी ऊंचे लहजे में बात ना की।
तरीक़ा तालीम के मुताल्लिक़ आप (स्०अ०व०) ने बड़ी कार आमद नसीहतें फ़रमाई हैं। आप ने फ़रमाया तालीम दो, सख़्ती मत करो। आप ने फ़रमाया लोगों को उनके फ़हम के मुताबिक़ बात समझाओ। मुहतरमा सबीहा मासूम ने हुज़ूर अकरम स्०अ०व० के ख़वातीन पर एहसानात के मौज़ू पर ख़िताब किया।
मुहतरमा वसीम कौसर रुकन जमात ने हुसूल-ए-इल्म के दीनी मक़ासिद पर रोशनी डाली। मुहतरमा क़ैसर अंजुम एसोसीएट
प्रोफेसर तेलंगाना यूनीवर्सिटी ने इस्लाम में ख्वातीन की तालीम के मौज़ू पर ख़िताब करते हुए कहा कि पर्दा तरक़्क़ी की राह में हरगिज़ रुकावट नहीं है।
अगर माँ तालीम ए याफ्ता हो तो ख़ानदान-ओ-मुआशरे को अख़लाक़-ओ-तालीम के ज़ेवर से आरास्ता करेगी। प्रोग्राम का आग़ाज़ मुहतरमा सालेहा परवीन नाज़िमा ख़वातीन जमात-ए-इस्लामी हिंद निज़ामाबाद के तज़कीर बल कुरऑन से हुआ। मुहतरमा नईम सुलताना नाज़िमा टीचर्स विंग जमात-ए-इस्लामी हिंद निज़ामाबाद ने इफ़्तेताही कलिमात में कनवेनशन के अग़राज़-ओ-मक़ासिद पर रोशनी डालते हुए कहा कि अच्छे समाज-ओ-मुआशरे की तश्कील असातिज़ा ही पर मुनहसिर है, तलबा का मुस्तक़बिल असातिज़ा के हाथों में है।
प्रोग्राम की कार्रवाई मुहतरमा अमतुल मुनीर शाहीन ने चलाई। मुहतरमा रफ़ीआ सुलताना ने शुक्रिया अदा किया। इस मौक़ा पर ख़वातीन असातिज़ा की कसीर तादाद मौजूद थी