शुमाली हिंद में जबर्दस्त ज़लज़ला

नई दिल्ली: मुल्क के शुमाली रियासतों में हफ्ते के रोज़ ज़लज़ला के जबर्दस्त झटके महसूस किए गए, जो काफी देर तक महसूस किए गए। ये झटके 30 सैकंड से 1:10 मिनट महसूस किए गए। इस ज़लज़ले का असर शुमाली मशरिकी के रियासतों में सबसे ज्यादा देखा गया है। इस ज़लज़ले के जिन रियासतों में जबर्दस्त तेज झटके महसूस किए गए, उनमें बिहार, झारखंड, मगरिबी बंगाल, उडीसा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान हैं। इसके अलावा दिल्ली-एनसीआर समेत दिगर रियासतों में तेज झटके महसूस किए गए।

ज़लज़ले का मरकज़ नेपाल की दारुल हुकूमत काठमांडू से शुमाली मशरिकी में 35 किलोमीटर दूर लामजून बताया गया है। ज़लज़ले के तेज झटके महसूस होते ही घबराए लोग आनन-फानन में अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल सडकों और पार्कों में पहुंच गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी शिद्दत 7.9 मापी गई है, जो काफी खतरनाक है।

इस ज़लज़ले का मरकज़ समंदर की गहराई से 31 किलोमीटर की गहराई में बताया गया है। ये झटके मुसलसल एक मिनट से ज्यादा तक महसूस किए गए।

ज़लज़ले की वजह से लोग काफी डरे हुए हैं। सडकों पर लगी स्ट्रीट लाइट से लेकर घरों के टीवी, टेबल-फर्शो पर रखे सामान भी हिलते-डुलते नजर आए। सडकों पर चलती गाड़ियों में भी लोगों ने ज़लज़ले के झटके महसूस किए और कई लोगों ने अपनी गाड़ी साइड में खडे कर दिए।

ज़लज़ले का सबसे ज्यादा असर नेपाल के कीर्तिनगर और पोखरा में होने की इत्तेला मिल रही है, ज़लज़ले के मरकज़ के करीब है हैं। ज़लज़ले की वजह से काठमांडु समेत आसपास के इलाकों में कई इमारतों के गिरने और उनमें दरारें आने की इत्तेला मिल रही है। हिंदुस्तान में भी ज़लज़ले से सबसे ज्यादा मुतास्सिर रियासतों में मकानों में दरारें आने और सडकें धंसने की खबरें मिल रही हैं।

हालांकि अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। ज़लज़ले को जिन इलाकों में महसूस किया गया, उनमें शुमाली मशरिकी की रियासत नगालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा, असम, मगरिबी बंगाल, बिहार, झारखंड, उडीसा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली शामिल हैं।

वैसे इसके झटके पूरे हिंदुस्तान समेत पाकिस्तान के लाहौर तक महसूस किया गया है। नेपाल के काठमांडू और आसपास के इलाके में, जहां इस ज़लज़ले का मरकज़ बताया जा रहा है, में खबर लिखे जाने तक रूक-रूक कर ज़लज़ले के झटके महसूस किए जा रहे हैं।