हुकूमत श्रीलंका के जारी करदा आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ श्रीलंका की 2009-में टामिल टाईगर्स के ख़िलाफ़ लड़ी गई आख़िरी मरहले की जंग में तक़रीबन 8,000 अफ़राद हलाक होगए थे। श्रीलंका के महकमा मर्दुम शुमारी के मुताबिक़ जंग में पहली मर्तबा 2009- में 11,172 अफ़राद हलाक हुए जो मुल़्क की ख़ानाजंगी में सब से ज़्यादा हलाकतें थीं।
ये तादाद बैन-उल-अक़वामी हुक़ूक़ ग्रुप की जानिबसे पेश करदा तादाद के बरअक्स है। ग़ैर मामूली हालात में 7,934 अफ़राद हलाक हुए थे जबकि 2,523 अफ़राद की तिब्बी मौत वाक़्य हुई थी। इस रिपोर्ट में टामिल टाईगर्स के अरकान की हलाकतों की तादाद शामिल नहीं है। ख़ानाजंगी के आख़िरी दिनों में भी टामिल टाईगर्स की बड़ी तादाद हलाक हुई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 2005–और 2009 के दरमयान श्रीलंका के शुमाल में 22,329 अफ़राद हलाक हुए थे।एल् टी टी ई के ख़िलाफ़ वस्त 2006-में जंग शुरू हुई थी और ये जंग तीन साल बाद माह मई में ख़तम हुई। फ़ौजी जंग के दौरान 4,156 अफ़राद का पता नहीं चल सका, ताहम रिपोर्ट में बताया गया है कि उल्टी टी ई के जनगजोवों की तादाद से हट कर इस जंग में शहरीयों की हलाकतें ज़्यादा हुई हैं।