कुछ दिनों पहले श्रीलंका में एक बौद्ध समूह ने मुस्लिम विरोधी दंगों का नेतृत्व किया। इन दंगों में तीन लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए। साथ ही मुस्लिमों की 200 दुकानों को भी इन सांप्रदायिक दंगों की भेंट चढ़ना पड़ा।

दुनिया में सांप्रदायिक दंगों की खबर कोई नई नहीं है लेकिन यह पहला मौका है जब एशिया में बौद्ध समूहों के ऐसे दंगों में शामिल होने की बात सामने आ रही है।

कुछ ऐसा ही म्यांमार में देखने को मिल रहा है जहां देश के उग्र राष्ट्रवादी बौद्ध भिक्षु विराथु देश की छोटी सी मुस्लिम आबादी के लिए अपशब्द और तल्ख भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।

साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों के म्यांमार से बांग्लादेश भागने पर खुशी जता रहे हैं। ऐसा ही हाल थाइलैंड का भी है, जहां एक बौद्ध भिक्षु अपने अनुयायियों से मस्जिदों को जलाने की बात कर रहा है।

लेकिन अब सवाल उठता है कि दुनिया में अपनी शांतिप्रिय छवि के लिए मशहूर यह धर्म अचानक इतना उग्र क्यों नजर आ रहा है?