मुंबई: मुंबई हाइकोर्ट ने फ़िल्म अदाकार संजय दत्त की पुणे के अरोडा जेल से क़बल अज़ वक़्त रिहाई को चैलेंज करते हुए दाख़िल करदा मफ़ाद-ए-आम्मा की दरख़ास्त की समाअत को मुल्तवी कर दिया है।
जज का एहसास है कि अदाकार को आज रिहा कर दिया जा चुका है तो इस केस की समात में जल्द-बाज़ी की ज़रूरत नहीं है। जस्टिस वी ऐम खंडे और देवती मोहिते पर मुश्तमिल एक डीवीझ़न बेंच ने दरख़ास्त गुज़ार प्रदीप भास्कर से ये जानने की ख़ाहिश की कि आख़िर वो लम्हा आख़िर में अदालत से क्यों रुजू हुए।
दरख़ास्त गुज़ार ने कल वकील नितीन सपटे के ज़रिये दाख़िल करदा अर्ज़ी में संजय दत्त को क़बल अज़ वक़्त रिहा करने हुकूमत के फ़ैसला को चैलेंज किया था और इस फ़ैसला को कुलअदम क़रार देने की दरख़ास्त की थी। वकील सपटे ने बेंच के सामने पेश करदा दरख़ास्त में अदालत से फ़ौरी समात की ख़ाहिश की थी लेकिन अदालत ने इस केस की आजलाना समात से इनकार कर दिया और कहा कि दरख़ास्त में ऐसी कोई जल्दबाज़ी की वजह नहीं है चूँकि संजय दत्त पहले ही जेल से रिहा हो चुके हैं|