संजीव भट्ट उलट फेर के माहिर: एस आई टी

अहमदाबाद, 02 मई: सुप्रीम कोर्ट की मुक़र्रर की हुई एस आई टी ने जो 2002 ‍ गुजरात फ़सादाद की तहक़ीक़ात कर रही है, आज दावा किया कि मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट, चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ शिकायत में गवाह नहीं थे बल्कि वो एक उलट फेर के माहिर हैं। एस आई टी के वकील आर एस जमुवार ने कहा कि चीफ़ मिनिस्टर ने जो भी इजलास मुनाक़िद किए, इस में संजय भट्ट कभी गवाह नहीं रहे बल्कि वो हर मामले को अपने अंदाज़ में पेश कर रहे और जोड़ तोड़ में शामिल रहे हैं।

उन्होंने मीडिया कार्ड खेलते हुए एक साज़िश की ताकि दबाव‌ बनाया जा सके और इस के ज़रिये सरकारी गवाह (ज़किया जाफरी की दरख़ास्त में) राजू रामचंद्रन ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट पर भी असरअंदाज़ हो सकें। जमुवार ने मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट बी जे गनतरा के रूबरू बेहस में हिस्सा लेते हुए ये बात कही। उन्होंने ऐसे गवाह‌ पेश किए जिस के ज़रिये स्पेशल अनोसटी गेशन टीम की क़तई रिपोर्ट में पेश की हुई इस दलील को साबित किया जा सके कि संजीव भट्ट एक बाएतिमाद गवाह नहीं हैं।

उन्होंने संजीव भट्ट पर शदीद तन्क़ीद करते हुए रियासती हुकूमत की जानिब से तहक़ीक़ात के दौरान जमा किए गए ई मेल्स के बाज़ हिस्सों का भी हवाला दिया। इन में वो ई मेल भी शामिल हैं जो संजीव भट्ट ने मुबय्यना तौर पर नासिर चप्पा , जर्नलिस्ट सुभरा नशो, समाजी कारकुन तीस्ता सीतलवाद और गुजरात असेम्बली में क़ाइद अपोज़ीशन-ओ-कांग्रेस लीडर शक्ति सिन्हा गोविल और आई पी एस ऑफ़िसर राहुल शर्मा को रवाना किए थे।