संसद पर दोबारा हो सकता है बड़ा आतंकी हमला- भारतीय खुफिया एजेंसी

नईदिल्ली।पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर तबाह किए जाने (सर्जिकल स्ट्राइक) के बाद पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र बदला लेना चाहता है। आतंकी संगठन जैशे-ए-मोहम्मद के साथ मिलकर भारतीय संसद पर आतंकी हमसे का प्लान बना रहा है। खबरों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (इंटर सर्विसेस इंटेलीजेंस) ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आतंकियों से कहा है कि वे भारत की इस कार्रवाई का बदला लेने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इसके बाद इस संगठन का सरगना मसूद अजहर संसद पर फिर बड़े हमले के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर सीआईडी और एक केन्द्रीय खुफिया एजेंसी को इस तरह की सूचनाएं मिली हैं।

खुफिया इनपुट के आधार पर अखबार लिखता है आतंकी संसद को टार्गेट कर सकते हैं। आतंकियों का पहला लक्ष्य संसद होगा लेकिन हमले में किसी वजह से नाकाम रहते हैं तो उन्हें दिल्ली सचिवालय को निशाना बनाने के लिए कहा गया है। वहां भी असफल रहे तो अक्षरधाम मंदिर, लोटस टैम्पल या फिर सबसे आखिरी विकल्प के तौर पर किसी बाजार या अन्य भीड़ भरी जगह को निशाना बनाया जा सकता है।

सुरक्षा एजेंसियों को हमले की आशंका सिर्फ जेईएम से ही नहीं बल्कि जैश-उल-हक-तंजीम से भी है। यह दूसरा संगठन जैशे मोहम्मद से ही अलग होकर बना है। इसका सरगना मौलाना अब्दुर्रहमान (मार) है। दिसंबर 1999 में काठमांडू, नेपाल से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स की उड़ान आईसी-814 के अपहरण और फिर उसे अफगानिस्तान के कंधार ले जाने में रहमान की अहम भूमिका थी। इस विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 191 लोग थे। इनमें से 190 बचा लिए गए थे। हालांकि इसके बदले भारत को मसूद अजहर सहित तीन आतंकी अपनी गिरफ्त से छोड़ने पड़े थे।

खुफिया एजेंसियों के हवाले से लिखे खबर में बताया गया है मार के दो आतंकी- अहमद खान दुर्रानी और अहमद कादरी पिछले साल नवंबर में काबुल से दिल्ली आने में सफल भी हो चुके थे। इन दोनों ने राजधानी में छह अलग-अलग जगहों पर विस्फोटक रखने की कोशिश की थी। लेकिन बीच में ही एक विस्फोटक में दुर्घटनावश धमाका हो जाने से इनका मंसूबा कामयाब नहीं हाे पाया और ये दोनों भाग निकले।