मुहम्मद ज़ाकिर रियाज़
नई दिल्ली: राज्यसभा में शुक्रवार को सदन की कारवाई शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से सदन में आ कर माफ़ी मांगने की मांग की।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद परिसर में एक पुस्तक विमोचन कार्क्रम में कहा कि वह लोग जो सरकार के नोटबंदी के फैसले को लागू करने की आलोचना कर रहे हैं वे खुद इस फैसले के लिए तैयार नहीं थे। इसी कारण उन्हें परेशानी हो रही है।
सदन की कारवाई शुरू होते ही इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह बयान बेहद निंदनीय है। प्रधानमंत्री आलोचना करने वालों पर ऐसे इलज़ाम नहीं लगा सकते। अगर उनके बयान में ज़रा भी सच्चाई है तो वे जांच कराएं और सदन में आकर माफ़ी मांगें।
नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी कहा, “प्रधानमंत्री चर्चा से भाग रहे हैं और विपक्ष पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। उन्हें सदन में आकर विपक्ष के माननीय सदस्यों से माफ़ी मांगनी चाहिए।”
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “प्रधानमंत्री न सदन में आ रहे हैं और न ही चर्चा में भाग ले रहे हैं। लेकिन संसद से बाहर अन्य मंचों से वो लगातर विपक्ष पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे अपने इस निंदनीय आरोप पर माफ़ी मांगें और सदन में आ करा चर्चा में हिस्सा लें।”
इससे पहले गुरुवार को राज्यसभा में पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह, सपा सांसद नरेश अग्रवाल और तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने नोटबंदी के फैसले में मौजूद कमियां और इससे आम जनता एवं देश की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुक्सान पर सरकार की तीखी आलोचना की थी।
फ़िलहाल राज्यसभा को दोपहर 2:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।