रियाद: अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी ‘सीआईए के प्रमुख जॉन ब्रेनन ने कहा है कि नाइन इलेवन की घटनाओं से सऊदी अरब का कोई संबंध नहीं है। उनका कहना है कि सऊदी अरब और अमेरिका के बीच तनाव की खबरें बेबुनियाद हैं। दोनों दोस्त देशों के बीच आपसी संबंध सुखद स्तर पर कायम हैं।
जॉन ब्रेनन ने विचार व्यक्त ‘अल अरबिया’ चैनल को दिए गए एक विशेष साक्षात्कार में किया। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अपार कुर्बानियां दी हैं। अमेरिका सऊदी अरब आतंकवाद के खिलाफ सम्मानित की निगाह से देखता है। दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे अच्छा संबंध और द्विपक्षीय सहयोग स्थापित है।
सीआईए प्रमुख ने कहा कि सउदी अरब और अमेरिका के बीच अच्छा संबंध रहे हैं। हमने रियाद के साथ आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में लंबा सफर तय किया है। खुद पांच साल तक सऊदी अरब में रहा और गृहमंत्री शहज़ादा मोहम्मद बिन नायफ के साथ काम किया। पिछले पंद्रह साल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सऊदी अरब का प्रमुख भूमिकाओं का समय है। सऊदी प्रधान शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज और उपाध्यक्ष शहजादा मोहम्मद बिन सलमान की उपस्थिति में हमें यह एहसास होता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे मजबूत और वास्तविक सहयोगी अभी भी मौजूद हैं।जॉन ब्रेनन ने कहा कि सऊदी अरब के ग्यारह सितंबर 2001 को अमरीका में होने वाले आतंकवाद से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि 2002 में नाइन इलेवन की घटनाओं के संबंध में तैयार की गई एक रिपोर्ट जिसमें यह कहा गया था कि सऊदी अरब की सरकार भी इसमें शामिल रही है पर संशोधित किया गया और जांचकर्ताओं ने रिपोर्ट की तैयारी में की गई गलतियों का निवारण किया है। हम ठोस सबूतों की रोशनी में बता रहे हैं कि सऊदी अरब का नाइन इलेवन के हमलों में कोई भूमिका नहीं है। सऊदी अरब बतौर राज्य, कोई संस्था या कोई सरकारी अधिकारी इन हमलों में प्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष हरगिज़ शामिल नहीं हैं। अट्ठाईस पन्नों में शामिल यह रिपोर्ट जल्द ही सामने लाई जाएगी। हम इस रिपोर्ट को सामने लाने के समर्थक हैं क्योंकि इसमें यह बताया गया है कि सऊदी अरब का नाइन इलेवन की घटनाओं से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है।
अरब देशों में ईरान का खुला हस्तक्षेप से संबंधित पूछे गए सवाल के जवाब में सीआईए प्रमुख का कहना था कि उन्हें इराक, सीरिया और दूसरे अरब देशों में ईरान की सैन्य हस्तक्षेप पर गहरी चिंता है। उन्होंने कहा कि ईरान अरब क्षेत्र में सांप्रदायिक आधार पर लड़ाई छेड़ने के लिए अपने समर्थकों की मदद कर रहा है। हम ईरानी हस्तक्षेप की निंदा करते हुए तेहरान से अरब देशों में हस्तक्षेप बंद करने की मांग करते हैं।
अमेरिका और ईरान के बीच द्विपक्षीय संबंध के बारे में जॉन ब्रेनन का कहना था कि वाशिंगटन तेहरान के साथ किसी प्रकार का कोई संपर्क स्थापित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका ईरान की आतंकवादी संगठनों की सहायता विशेषकर सीरिया और इराक में चरमपंथियों की सहायता पर चिंता व्यक्त कर चुका है।