सऊदी अरब की मशहूर लेखिका ने देश छोड़ा, बोली- ‘मेरी भी हत्या हो जाती’

सऊदी शासन के चंगुल और अत्याचारों से जान बचाकर नीदरलैंड पहुंचने वाली इस देश की एक लेखिका ने यह कहकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया है कि उनका भी वही हश्र होने वाला था जो पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी का हुआ है।

ग़ौरतलब है कि अक्तूबर के शुरू में वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखने वाले सऊदी पत्रकार ख़ाशुक़जी की सऊदी अधिकारियों ने इस्तांबुल स्थित सऊदी कांसूलेट में हत्या कर दी और उनकी लाश के आरी से टुकड़े टुकड़े कर दिए थे। अपनी जान बचाकर नीदरलैंड में शरण लेने वाली सऊदी लेखिका रीम सुलेमान ने ट्वीट करके अपने ऊपर होने वाले अत्याचारों से पर्दा उठाया है।

उन्होंने लिखा है, सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के विश्वास पात्र रहे और जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या में मुख्य भूमिका निभाने वाले सऊद अल-क़हतानी ने अपने एक प्रतिनिधि को मेरे पास भेजा, जिसने मुझे धमकी दी कि अगर तुमने लिखना नहीं छोड़ा तो तुम्हारा भी वही हाल होगा जो ख़ाशुक़जी का हुआ है।

मैंने पूछना चाहा कि वह यह धमकी किसके कहने पर और क्यों दे रहा है? तो उसने बहुत ही ग़ुस्से से मुझसे कहा, जो आदेश दिया गया है उसका पालन करो और ज़बान मत चलाओ। रीम सुलेमान के मुताबिक़, मैं बहुत घबराई हुई और डरी हुई थी। लेकिन कुछ दिन बाद ही कुछ सशस्त्र लोगों ने मेरे घर पर धावा बोल दिया और वे मुझे उठाकर ले गए।

दो दिन तक मुझे बहुत ही बेदर्दी से मारापीटा गया और बहुत ही अजीबो ग़रीब सवाल पूछे गए। मुझसे मेरे विचारों के बारे में सवाल किए गए और बहुत यातनाएं दी गईं। बात बात पर मेरा अपमान किया गया। मुझे इस शर्त पर आज़ाद किया गया कि अब कभी कुछ नहीं लिखोगी और इस बारे में किसी से कुछ बात नहीं करोगी।

ऐसी हालत में जान बचाकर देश से भागने के अलावा मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था। इसीलिए मैं किसी तरह अपनी जान बचाकर नीदरलैंड पहुंच गई। उनका कहना है कि मैं किसी तरह नीदरलैंड तो पहुंच गई हूं, लेकिन मैं अपने बच्चों और परिजनों की सुरक्षा के लिए बहुच चिंतित हूं। सऊदी सरकार और अधिकारी किसी पर भी रहम नहीं करते हैं और मैं यहां भी ख़ुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस नहीं करती हूं।

साभार- ‘parstoday.com’