हिंदुस्तान, सऊदी अरब से तमाम शोबों में ज़्यादा करीबी दिफ़ाई ताल्लुक़ात और तआवुन का मुंतज़िर है। शाह सलमान की नई क़ियादत के तहत जो गुज़िश्ता माह तख़्त नशीन हुए हैं, हिंदुस्तान को तवक़्क़ो है कि सऊदी अरब के साथ तमाम शोबों खासतौर पर सरमायाकारी के शोबा में ताल्लुक़ात मज़ीद मुस्तहकम होंगे।
शाह अब्दुल्लाह मरहूम के जनवरी 2006 में तारीख़ी दौरे नई दिल्ली के बाद बाहमी ताल्लुक़ात उरूज की नई सतह पर पहुंच चुके हैं। हिंदुस्तान के कौंसिल जेनरल बराए जद्दा बी एस मुबारक ने पी टी आई से टेलीफोन पर बात चीत करते हुए कहा कि हम मुशतर्का सरमायाकारी प्रोग्रामों के मुंतज़िर हैं और चाहते हैं कि सऊदी सरमाया कार, वज़ीरे आज़म नरेंद्र मोदी की मैक इन इंडिया पहल से फ़ायदा उठाएं।
उन्हों ने कहा कि मोदी इस वक़्त के वली अहद शहज़ादा और मौजूदा शाह सलमान से जी 20 चोटी कान्फ़्रैंस ब्रिस्बेन के मौक़ा पर अलाहिदा तौर पर मुलाक़ात कर चुके हैं और शाह सलमान ने इत्तिफ़ाक़ किया था कि हिंदुस्तान के साथ तमाम शोबों में तआवुन में इज़ाफ़ा किया जाएगा।
कौंसिल जेनरल ने कहा कि वो पुरउम्मीद हैं कि दोनों ममालिक के बाहमी ताल्लुक़ात नए शाह की ज़ेरे क़ियादत उन के पेशरूओं की पॉलीसी पर अमल करते हुए मज़ीद तरक़्क़ी करेंगे और सऊदी अरब की पॉलीसी में कोई बड़ी तबदीली पैदा नहीं होगी।