सऊदी अरब में ख़्वातीन को पहली बार मिला वोट देने का हक

रियाद: अब तक ख्वातीन को महदूद हुक़ूक़ देने वाले सऊदी अरब ने एक अहम कदम उठाया है। यहां ख़्वातीन को पहली बार वोट देने का हक मिला है। अब ख़्वातीन मुल्क में होने वाले म्युनिसिपल इलेक्शन में वोट दे सकेंगी। मक्का की सफीनाज अबु अल शामत और मदीना की जमाल अल सादी वोट देने का हक पाने वाली पहली ख्वातीन बन गई हैं। फिलहाल मुल्क में ख़्वातीन को वोटर लिस्ट में रजिस्टर्ड करने का काम चल रहा है।

सऊदी अरब में इस साल के आखिर में म्युनिसिपल इलेक्शन होने हैं। ऐसे में अब ख्वातीन ना सिर्फ वोट दे पाएंगी, बल्कि इंतेखाबात में हिस्सा भी ले सकती हैं। सरकारी आफीसरों के मुताबिक यह शराकती सोसायटी (Participatory Society) बनाने की सिम्त में एक अहम पहल है।

साल 2011 में किंग अब्दुल्ला ने ख़्वातीन को इलेक्शन में शामिल लेने को मंजूरी दी थी। अब्दुल्ला ने कहा था कि शरिया के तहत जो भी मुम्किन है, वह ख्वातीन को हक देना चाहते हैं, लेकिन चार साल बाद ख़्वातीन को वोट देने का हक मिल रहा है। वहीं वोटरों के रजिस्टे्रशन का काम 21 दिनों तक चलेगा।