सऊदी अरब की हुकूमत ने अपने शहरीयों के अक़्द निकाह में आने वाली ग़ैर मुल्की ख़्वातीन के लिए शहरी हुक़ूक़ के एक अदीमुन्नज़ीर पैकेज की मंज़ूरी दी है जिस के नफ़ाज़ से उन ख़्वातीन को मुआशरे में मुसावी मुक़ाम दिलाने में मदद मिलेगी।
नए क़ानून के तहत सऊदी बच्चों की ग़ैर मुल्की माओं को ममलकत में रिहायश इख़्तियार करने के लिए कफ़ील की ज़रूरत नहीं होगी और हुकूमत उन्हें ममलकत में किसी भी जगह रिहायश इख़्तियार करने के लिए मुस्तक़िल अकामा फ़राहम करने की पाबंद होगी।
ये ख़्वातीन सऊदी अरब की मुस्तक़िल शहरीयत रखने वाली औरतों की तरह प्राईवेट सेक्टर में मुलाज़मत भी कर सकेंगी और उन से होने वाली औलाद का हस्बो नस्ब सऊदी क़रार दिया जाएगा।
ख़्याल रहे कि सऊदी वज़ारत क़ानून वो नसाफ़ की जानिब से जारी कर्दा आदादो शुमार के मुताबिक़ मुल्क में ऐसे शहरीयों की कसीर तादाद मौजूद है जिन्हों ने ग़ैर मुल्की ख़्वातीन से शादियां कर रखी हैं। गुज़िश्ता बरस मजमूई तौर पर 7132 सऊदी शौहर ग़ैर मुल्की शरीके हयात ब्याह लाए थे।