हैदराबाद: सत्यम घोटाले में आज बडा फैसला सुनाया गया है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बी रामालिंगा राजू समेत सभी 10 लोगों को मुजरिम करार दिया है। सीबीआई कोर्ट जुमेरात के रोज़ सभी मुल्ज़िमों की सजा का ऐलान करेगा। कोर्ट ने रामालिंगा राजू को मुजरिमाना साजिश और धोखाधडी का मुजरिम पाया है। इस तरह से कोर्ट ने इस मामले में सभी दस मुल्ज़िमो को खाती करार दिया है।
गौर हो कि राजू अपनी कंपनी में करोडों का फर्जी मुनाफा दिखाने के मुल्ज़िम है। मुल्क की सबसे बडी Accounting Fraud माना जा रहा यह घोटाला सात जनवरी 2009 को उस वक्त सामने आया जब कंपनी के बानी और उस वक्त के सदर बी रामलिंगा राजू ने मुबय्यना तौर पर तौर पर अपनी कंपनी के बही खाते में हेराफेरी और साल तक करोडों रूपये का मुनाफा बढा-चढाकर दिखाने की बात कबूल की थी। अपने भाई रामा राजू और दूसरो के साथ फर्जीवाडे की बात मुबय्यना तौर पर कुबूल करने के बाद आंध्रप्रदेश पुलिस के क्राईम ब्रांच ने राजू को गिरफ्तार कर लिया। मामले में सभी 10 मुल्ज़िम अभी जमानत पर हैं। करीब छह साल पहले शुरू हुए मामले में तकरीबन 3000 दस्तावेज की निशानदेही की गयी और 226 गवाहों से पूछताछ हुई।
रामलिंगा राजू के अलावा दिगर मुल्ज़िम उनके भाई और सत्यम के साबिक मैनेजिंग डायरेक्टर बी रामा राजू, साबिक चीफ फायनेंसियल आफीसर वदलामणि श्रीनिवास, साबिक पीडब्लूसी ऑडिटर सुब्रमणि गोपालकृष्णन और टी श्रीनिवास, राजू के एक दूसरे भाई बी सूर्यनारायण राजू, साबिल ,मुलाज़िम जी रामकृष्ण, डी वेंकटपति राजू और श्रीसाईलम और सत्यम के साबिक Interior chief auditor वी एस प्रभाकर गुप्ता हैं।
आमदनी बढा चढाकर दिखाने, खाता में हेरफर, फर्जी सावधि जमा के साथ ही मुख्तलिफ इंकम टैक्स क्वानीन की खिलाफवर्जी करने के सिलसिले में राजू और दूसरो पर आईपीसी की मुताल्लिक दफआत के तहत गलत रिटर्न भरने, फर्जीवाडा, मुजरिमाना साजिश, धोखाधडी और धोखा का मामला दर्ज किया गया था। फरवरी 2009 में सीबीआई ने जांच का जिम्मा संभाला और तीन चार्जशीट (7 अप्रैल 2009, 24 नवंबर 2009 और 7 जनवरी 2010) दाखिल किया जिसे बाद में एक साथ मिला दिया गया। पिछले साल जनवरी में टैक्स की अदायगी मामले में इक्तेसादी जुर्म (economic crime) के लिए एक खुसूसी अदालत ने रामलिंगा राजू की बीवी नंदिनी राजू और बेटों तेजा राजू और रामा राजू समेत साबिक सत्यम चीफ के 21 रिश्तेदारों को मुजरिम ठहराया था।