नई दिल्ली: बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान नोटबंदी का मुद्दा छाया रहा. जहां विपक्षी दलों ने कहा कि नोटबंदी के फैसले के कारण विनिर्माण और अन्य क्षेत्रों मं बहुत से लोगों की नौकरियां गई हैं. इस पर मौजूदा सरकार की तरफ से एक मंत्री का कहना हुआ कि इसका डाटा कहाँ है, इसके कोई आंकड़े नहीं हैं.
जनसत्ता के मुताबिक, प्रश्नकाल के दौरान टीएमसी सांसद अहमद हसन ने नोटबंदी के कारण लोगों की नौकरियां जाने की बात कही. साथ ही कहा कि मैं जानना चाहता हूं कि सरकार ने उन लोगों की मदद के लिए क्या कदम उठाए हैं.
जिसपर वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने बेशर्मी की सीमा लांघ कर हठजोड़ दिखाते हुए कहा कि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है, जिसमे नोटबंदी की वजह से लोगों की नौकरियां जाने की बात हैं. बाद में उन्होंने कहा, मैं इस सवाल का जवाब देने में असक्षम हूं, क्योंकि मुझे नहीं पता कि उनके पास डाटा कहां से आया है.
इसके साथ ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा क्रय, विनिर्माण सूचकांक (पीएमआई) पर नोटबंदी की वजह से प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है. जिस पीएमआई डाटा का जिक्र किया गया है, वह जनवरी महीने में 50.4 पहुंच गया है.
बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद करने का ऐलान किया था. इसके बाद से विपक्षी दल केंद्र सरकार के इस फैसले से नाखुश हैं.