हैदराबाद । 01 जनवरी: साल पिछ्ले के अवाख़िर में पेश आए इजतिमाई इस्मत रेज़ि के वाक़िये ने मुल्क भर को ग़म-ओ-अंदोह की लहर में डुबो दिया है लेकिन हमें इस के बावजूद भी मुसबत सोच के साथ आगे बढ़ते हुए तरक़्क़ी की मंज़िलें तै करनी चाहीए।
मुहतरमा पी सबीता इंदिरा रेड्डी ने आज 73 वीं कल हिंद सनअती नुमाइश की इफ़्तेताही तक़रीब से ख़िताब के दौरान ये बात कही। उन्हों ने बताया कि चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी दिल्ली में पेश आए वाक़िये को मुतास्सिरह की मौत के सबब नुमाइश की इफ़्तिताही तक़रीब में शिरकत नहीं कररहे हैं।
मुहतरमा सबीता इंदिरा रेड्डी ने अपने ख़िताब के दौरान नुमाइश सोसाइटी के तहत चलाए जाने वाले तालीमीइदारह जात बराए तालिबात को महफ़ूज़ क़रार देते हुए कहा कि वो ख़ुद इस का तजुर्बा रखती हैं। चूँकि उन्हों ने विनीता महाविद्यालय से ही तालीम हासिल की है और यहां के माहौल में तहफ़्फ़ुज़ है।
सबीता इंदिरा रेड्डी ने बताया कि 73 वीं कल हिंद नुमाइश के इनइक़ाद के लिए हुकूमत का हर मुम्किना तआवुन सोसालटी को पेश किया जा रहा है और चीफ़ मिनिस्टर ने भी 73 वीं नुमाइश के कामयाब इनइक़ाद के लिए नेक तमन्नाओं का इज़हार किया है।
वज़ीर-ए-दाख़िला ने बताया कि नुमाइश के दौरान रोज़ाना तक़रीबन एक लाख अफ़राद नुमाइश के मुशाहिदे के लिए पहुंचते हैं और हैदराबाद के अवाम को नुमाइश के आग़ाज़ का बेचैनी से इंतेज़ार होता है।
उन्हों ने बताया कि हैदराबाद की नुमाइश मुल्क भर में मशहूर है चूँकि इस नुमाइश में ना सिर्फ़ मुल्क-ओ-बैरून-ए-मुल्क के स्टालस मौजूद होते हैं बल्के ख़ानदानी तफ़रीह का भी मुकम्मल सामान नुमाइश में मौजूद होता है।
मुहतरमा सबीता इंदिरा रेड्डी वज़ीर-ए-दाख़िला ने बताया कि सनअत कारों-ओ-ताजिर बिरादरी के फ़रोग़ के लिए शुरू करदा इस नुमाइश का पिछ्ले 72 बरसों से कामयाब इनइक़ाद अमल में आरहा है जोकि उस की कामयाबी की दलील है।
इस मौके पर सेक्रेटरी नुमाइश सोसाइटी मिस्टर आर सुकेश रेड्डी के अलावा दीगर दमा दारान जनाब क़ारी मीर इक़बाल अली ख़ान, जनाब नरसा रेड्डी, जनाब अनील स्वरूप मिसरा के इलावा दुसरे मौजूद थे।