नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर संग्राम छिड़ा हुआ है। दोनों गुटों ने चुनाव आयोग में पार्टी के चुनाव चिन्ह साईकिल पर अपना-अपना दावा ठोंका है। मंगलवार को दोनों गुटों के बीच सुलह की कोशिश की गई जो बेनतीजा रही। वहीं एक सर्वे में दावा किया गया है कि अगर दोनों गुट अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
पहले नंबर पर भाजपा
एबीपी न्यूज-लोकमत-सीएसडीएस के सर्वे में सामने आया है कि सपा के विभाजन की स्थिति सबसे ज्यादा फायदा भाजपा उठाएगी। अगर दोनों गुट अलग-अलग चुनाव लड़ते हैं तो भाजपा को 185 से 168 सीटें मिल सकती हैं। इससे पहले ये दावा था कि अगर सपा एक होकर चुनाव लड़ती है तो वह पहले नंबर की पार्टी होगी। जबकि भाजपा दूसरे नंबर पर होगी।
मुलायम-अखिलेश गुट को कितनी मिलेंगी सीटें?
अलग-अलग होकर चुनाव लड़ने पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जहां अखिलेश गुट को 82 से 92 सीटें मिल सकती हैं वहीं मुलायम गुट को सिर्फ 9 से 15 सीटें मिलने का अनुमान है। मायावती को 110 से 120 जबकि कांग्रेस 14 से 20 सीटें मिल सकती हैं।
कांग्रेस से गठबंधन पर अखिलेश को होगा फायदा
अगर अखिलेश गुट कांग्रेस के साथ गठबंधन पर चुनाव लड़ता है तो उसको फायदा हो सकता है। अखिलेश गुट कांग्रेस से गठबंधन के बाद 82-92 से आगे बढ़कर 133 से 143 सीटें जीत सकता है। हालांकि इस गठबंधन से भाजपा और बसपा के नतीजों में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।