हुकूमत ने आज कहा कि मालीयाती ख़सारा को महिदूद करने केलिए मर्कज़ी सब्सीडीज़ और मसारिफ़ पर क़ाबू पाने केलिए काम किया जाएगा।
इस ज़िमन में मआशी फ़िज़ा-ए-को बेहतर बनाने केलिए तमाम दस्तयाब वसाइल से भरपूर इस्तिफ़ादा केलिए ज़रूरी इक़दामात किए जाऐंगे।
वज़ीर फ़ीनानस निम्मो नारायण मीना ने लोक सभा में दिए गए तहरीरी जवाब में कहा कि हुकूमत का ये अज़म है कि मर्कज़ी सब्सीडीज़ पर होने वाले मसारिफ़ पर क़ाबू पाया जाये।
उन्होंने मज़ीद कहा कि रवां मालीयाती साल के दौरान बजट में पैट्रोलीयम केलिए 40 हज़ार करोड़ रुपय से ज़ाइद सब्सीडी दी गई जबकि खाद पर 61 हज़ार करोड़ रुपय और ग़िज़ाई अशीया पर 75 हज़ार करोड़ रुपय की सब्सीडी दी गई थी, जिसके नतीजे में मजमूई क़ौमी पैदावार का 5.1 फ़ीसद हिस्सा मालीयाती ख़सारा में चला गया है।
ताहम 2012-13के दौरान 5.3 फ़ीसद मालीयाती ख़सारा का तख़मीना किया गया है, जो गुज़िशता मालीयाती साल के ख़सारा 5.8 से निसबतन कम है।