लोक हितकारी नीतियां लागू करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि उनके मंत्रालय ने वन और वन्य जीव क्षेत्रों के लिए पारिस्थितिकी पर्यटन नीति बनाई है, जो स्थानीय लोगों को आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने के साथ ही पर्यटकों को प्रकृति के बारे में बेहतर जानकारी भी देगी।
नई नीति के बारे में आज यहां जारी एक बयान में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि स्थानीय समुदाय के लोगों के क्षमता विकास प्रयासों के तहत पारिस्थितिकी पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन और वन्य जीव क्षेत्रों में पर्यटन गाइड के रूप में स्थानीय लोगों को रोजगार दिए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि नई नीति में स्थानीय स्तर पर छोटे उद्योग धंधों को प्रोत्साहित करने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि स्थानीय लोग अपने हस्तशिल्प और अन्य उत्पाद पर्यटकों को बेचकर आजीविका चला सके।
पारिस्थितिकी पर्यटन नीति के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डॉ हर्षवर्धन के कहा कि यह पर्यटन के साथ पर्यावरण संरक्षण को जोड़ने और स्थानीय लोगों को इसके जरिए आजीविका का साधन उपलब्ध कराने की एक कोशिश है। इसके जरिए देश की समृद्ध वन्य जीव संपदा और पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित और संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस नीति से लोगों को देश की प्राकृतिक और वन्य जीव संपदा के बारे में पर्यटन के जरिए काफी कुछ सीखने को मिलेगा।