भारत सरकार ने अगले वित्त वर्ष के लिए, अपनी महत्वाकांक्षी ‘भारत आकांक्षा फंड (आईएऍफ़) ‘ जो स्टार्टअप का हिस्सा है उसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया हैं और वर्तमान में आवंटित 600 करोड़ को कम कर 100 करोड़ कर दिया है।
नए शुरू होने वाले व्यापारों को समर्थन देने के लिए सरकार ने 2015 में 2000 करोड़ के आईएऍफ़ के ‘फंड्स ऑफ़ फंड्स आपरेशन’ की शुरुवात करी थी। इसकी योजना का लांच वित् मंत्री अरुण जेटली द्वारा किया गया था और इसका मुख्या उद्देश्य सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को पैसा उपलब्ध करना था।
2017 – 2018 के बजट दस्तावेज़ों के अनुसार सरकार ने 2015 – 2016 में इस फण्ड के लिए 500 करोड़ आवंटित किये थे । उसके बाद के वर्ष में इस फण्ड के लिए 600 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो अब घटाकर 100 करोड़ कर दिया गया है ।
इस साल के बजट में इस फण्ड के लिए कुछ भी आवंटित नहीं किया गया है । गौरतलब है की इस योजना के लांच के समय , जेटली ने कहा था की योजना के कारण सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों में भरी मात्रा में इक्विटी निवेश होगा ।