हुकूमत के सख़्त रवैय्या और अन्ना हज़ारे टीम के आगे घुटने टेकने से इनकार के बाद अन्ना हज़ारे ने आज फ़ैसला किया कि वो कल अपना ग़ैर मुअय्यना मुद्दत (अनिश्चित कालीन) की भूक हड़ताल ख़त्म करेंगे। टीम ने सरगर्म सियासत में हिस्सा लेने का भी इशारा दिया है।
आम इंतिख़ाबात 2014 के लिए अभी दो साल बाक़ी हैं। हम को मुल्क भर में अवाम से रुजू होकर आइन्दा ढेढ़ साल के दौरान अवामी हिमायत को मज़बूत करना होगा। अन्ना हज़ारे ने दिल्ली के जंतर मंतर पर जमा अवाम से ख़िताब करते हुए कहा कि आख़िर हम भूक हड़तालों पर वक़्त क्यों बर्बाद कर रहे हैं।
कल 5 बजे ये भूक हड़ताल ख़त्म की जाएगी। अपने ख़िताब के आख़िर में उन्होंने ये इशारा दिया कि सियोल सोसाइटी बहुत जल्द एक सयासी मुतबादिल तलाश करेगी और मौजूदा निज़ाम के बदलने ये सयासी मुतबादिल अपना असर दिखाएगा, ताहम ( यद्वपी) ये सवाल हनूज़ ( अभी) बरक़रार रहेगा कि आख़िर सयासी मुतबादिल से मुताल्लिक़ अन्ना हज़ारे की मुराद क़्या है।
आया वो अज़खु़द एक सयासी पार्टी क़ायम करने जा रहे हैं। कल शाम 5 बजे ग़ैर मुअय्यना मुद्दत ( अनिश्चित) की भूक हड़ताल ख़त्म करने अन्ना हज़ारे का ऐलान उस वक़्त सामने आया जब अहम शख़्सियतों का एक ग्रुप उन से मुलाक़ात करके हड़ताल ख़त्म करने की अपील की।
इस ग्रुप में जज वी आर कृष्णा एयर और साबिक़ फ़ौजी सरबराह जनरल वी के सिंह भी शामिल हैं। ग्रुप ने अरविंद केजरीवाल और दीगर ( अन्य) दो की हालत बिगड़ने के पेशे नज़र हड़ताल ख़त्म कराने की तरग़ीब दी। ये फ़ैसला इस तनाज़ुर ( हालात) में किया गया था कि अन्ना हज़ारे के साथ बातचीत करने के लिए हुकूमत का रवैय्या सख़्त था।
एक मज़बूत लोक पाल बिल बनाने पर दोनों जानिब मुसव्वदा ( प्रारूप) साज़ी नाकाम हो रही है। गुज़श्ता साल अप्रैल और अगस्त में हुकूमत ने अnना हज़ारे के एहतिजाज के दबाओ में आकर फ़ैसला किया था कि वो एक मज़बूत लोक पाल बिल लाएगी। इस मर्तबा अन्ना हज़ारे टीम का एहतिजाज ( प्रदर्शन) ख़ास नहीं रहा। अवाम की शिरकत भी मामूली रही है।