जम्मू कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष एक बार फिर आमने सामने है। सत्तापक्ष जहां विपक्ष से माफी मांगने की मांग कर रहा है।
वहीं विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है। कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार सेना के शौर्य, बलिदान,पराक्रम और साहस का इस्तेमाल कर सियासी रोटियां सेंक रही है।
इस पर सरकार के केंद्रीय मंत्री ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस सेना का मनोबल तोड़ने की नीति अपना रही है। वहीं जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के अंदर की गई सर्जिकल स्ट्राइक से जमीन पर कुछ भी बदलाव नहीं हुआ है।
26 सितंबर, 2016 को हुई सर्जिकल स्ट्राइक के हाल में जारी वीडियो फूटेज सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है। सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रतिक्रिया देते हुए उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “सर्जिकल स्ट्राइक हुई या नहीं, इसपर बहस से कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है।” उन्होंने कहा, “हमें इस पर चर्चा करनी चाहिए कि इस स्ट्राइक से जमीन पर क्या बदलाव हुआ है।”
वहीं सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो जारी होने के बाद गोवा के मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना के जवानों को सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक करने पर बधाई दी । पर्रिकर ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक अभियान की आलोचना और इसकी सत्यता पर सवाल उठाने के लिए कांग्रेस को माफी मांगनी चाहिए और अपनी गलती का एहसास होना चाहिए। मुझे नहीं पता कि माफी इसके लिए सही शब्द होगा या नहीं।
लेकिन उन्हें अब से राष्ट्रीय हितों और सशस्त्र बलों से संबंधित मामलों में टिप्पणी करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीतिक रोटियां सेंकना सशस्त्र बलों का अपमान करना होगा।