नई दिल्ली, 26 फ़रवरी: ( पी टी आई ) सहारा ग्रुप की आख़िर उम्मीद भी आज बिखर कर रह गई जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सरमायाकारों को 24 हज़ार करोड़ रुपये वापस करने के लिए सहारा को मज़ीद मोहलत देने से इनकार कर दिया ।
सुप्रीम कोर्ट ने सहारा ग्रुप की दरख़ास्त मुस्तरद करते हुए उसे साबिक़ा हुक्म की हनूज़ अदमे तामील पर सरज़निश की ।अदालत ने अपने साबिक़ा हुक्म में सहारा ग्रुप को सरमायाकारों की रक़म फ़रवरी के पहले हफ़्ता तक अदा करने की मोहलत दी थी चीफ़ जस्टिस अल्तमिश कबीर की ज़ेर-ए-सदारत सुप्रीम कोर्ट की एक बंच ने जिसने क़ब्लअज़ीं दो कंपनीयों की क़तई आख़िरी मोहलत में इज़ाफ़ा किया था और सहारा ग्रुप को ख़त्म नवंबर तक रक़म अदा करने की आख़िरी मोहलत में तौसीअ देते हुए उसे फ़रवरी का पहला हफ़्ता मुक़र्रर किया था , आज सहारा ग्रुप को मज़ीद मोहलत देने से इनकार कर दिया ।
ब्रहम चीफ़ जस्टिस ने कहा कि अगर आप ने ये रक़म अदालत के हुक्म के मुताबिक़ अदा नहीं की है तो आपको अदालत में हाज़िर होने की हिम्मत कैसे हुई उन्होंने कहा कि क़ब्लअज़ीं मोहलत में इसलिए तौसीअ की गई थी ताकि सरमायाकारों को उनकी रक़म वापस होने को यक़ीनी बनाया जा सके ।