बंग्लूरू
नायब सदर जम्हूरीया मुहम्मद हामिद अंसारी ने आज कहा कि साईंसी मिज़ाज को फ़रोग़ देना दस्तूरी और अख़लाक़ी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर हमें असरी और तरक़्क़ी पसंद क़ौम की हैसियत से उभरना है तो भूक, ग़ुर्बत, बीमारी, जहालत और तो हम का ख़ातमा करना होगा, क्योंकि यही हमारी तरक़्क़ी की राह में रुकावट बने हुए हैं।
उन्होंने कहा कि दरहक़ीक़त ग़ुर्बत, भूक और बीमारी के ख़िलाफ़ जंग के लिए हमें जहालत और तो हम परस्ती पर क़ाबू पाना होगा। उन्हों ने कहा कि वाज़िह तौर पर एक सतह पर ये तमाम रुकावटें हमारी राह में हाइल होती हैं, इस लिए हमें सब से पहले जहालत और औहाम परस्ती पर क़ाबू पाना चाहिए।
साईंस को तहरीक देने वाली अव्वलीन वजह क़रार देते हुए नायब सदर जम्हूरीया ने कहा कि आलिम इंसानियत की तारीख़ में मुआशरती तबदीली के लिए तमाम बड़े असरी चैलेंजों से निमटना ज़रूरी है। मुआशरों में मआशी फ़रोग़ और इन्क़िलाबी तबदीली लाना होगा। उन्हों ने कहा कि आज साईंस नागुज़ीर है और इसी के ज़रिए तमाम असरी चैलेंजों से निमटा जा सकता है, जो मआशी फ़रोग़ और समाजी इन्क़िलाबी तबदीली में हाइल हैं।