सात लाख 77 हजार राशन कार्ड फर्जी

रियासत में सात लाख 77 हजार राशन कार्ड जिलों में बन कर तैयार हैं, लेकिन उन्हें लेनेवाला कोई नहीं है। फूड और सारफीन तहफ़्फुज़ महकमा इन कार्डो को फर्जी बता रहा है।

अगर ये सारे राशन कार्ड बंट गये होते, तो हुकूमत को फी माह तीन करोड़ 23 लाख 40 हजार रुपये की चपत लगती। गरीबों के घर फी माह पहुंचनेवाला 20 लाख लीटर केरोसिन और एक लाख 55 हजार 550 क्विंटल से ज़्यादा चावल-गेहूं कालाबाजारियों के हाथ पहुंचता। महकमा इन कार्डो को फर्जी तो मान रहा है, लेकिन इसके लिए जिम्मेवार अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पायी है।

मशरिकी चंपारण ऐसा जिला है, जहां सबसे ज़्यादा एक लाख से जायद फर्जी राशन कार्ड पाये गये हैं। महकमा ने तमाम डीएम को इन कार्डो को मुस्तर्द करने का हुक्म दिया है। समस्तीपुर में 92478, मधुबनी में 50575 व मुजफ्फरपुर में 59472 फर्जी कार्ड हैं।

रियासत में राशन कार्ड की तादाद एक करोड़ 35 लाख 26 हजार 547 है। अब तक डिस्ट्रीबूट किये गये राशन कार्ड की तादाद एक करोड़ 27 लाख 48 हजार 800 है। अफसरों ने बताया कि रियासत भर में नौ अगस्त तक 94.25 लोगों के राशन कार्ड दस्तयाब करा दिये गये हैं।

ऐसे राशन कार्डो की तहक़ीक़ात की जा रही है। जांच में गलत पाये जाने पर उन्हें मुस्तर्द कर दिया जायेगा।

श्याम रजक
वज़ीर, फूड और सारफीन तहफ़्फुज़