खेल की दुनिया में हिंदुस्तान की तरक्की इस साल भी बगैर रुकावट के जारी रही, हालांकि यह टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ही रहीं जिन्होंने अपने दमदार मुज़ाहिरे की सलाहियत पर इस साल 2015 को अपने नाम कर लिया।
तमाम कामयाबियों के बीच सानिया कोई ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने वाली भारत की पहली खातून टेनिस खिलाडी बनीं। इतना ही नहीं सानिया ने यह कामयाबी एक बार नहीं 2-2 बार हासिल की और वर्ष के चार में से दो ग्रैंडस्लैम खिताब जीते।
साल 2013 में चोट के सबब सिंगल्स को अलविदा कहने के बाद सानिया ने डबल्स पर ध्यान मरकूज़ किया और इस साल डबल्स में आली तरीन आलमी तरजीह (highest world ranking) हासिल की। अमेरिका की अपनी जोडीदार बेथानी माटेक सैंड्स के साथ साल की शुरूआत में ही सानिया ने सिडनी इंटरनेशल जीता और अपनी कामयाबियों का सफर शुरू किया। हालांकि स्विट्जरलैंड की दिग्गज टेनिस स्टार मार्टिना हिंगिस के साथ जोडी बनाना सानिया के लिए कामयाबी के नए दरवाजे खोलने वाला साबित हुआ।
मार्च 2015 में जोडी बनाने के बाद सानिया-हिंगिस की जोडी ने बीजिंग ओपन, वुहान ओपन, गुआंगझू ओपन, चाल्र्सटन ओपन, मियामी ओपन और इंडियन वेल्स के अलावा डब्ल्यूटीए फाइनल्स का खिताब भी अपने नाम और शानदार अंदाज में साल का इख्तेताम किया।
सानिया ने इस साल Doubles category में कुल 10 खिताब जीते, जिसमें विंबलडन और अमेरिकी ओपन दो ग्रैंडस्लैम खिताब भी शामिल हैं। सानिया-हिंगिस की जोडी मुसलसल खिताब पर खिताब जीतती रही और उनके मद्दाहों की तादाद भी बढती गई। यह जोडी इतनी हिट हुई कि मद्दाहो ने उनका सानटिना नाम दे दिया ।
सानटिना ने इस साल कुल 16 मुकाबलो में हिस्सा लिया और उनकी जीत हार का आंकडा 55-7 का रहा। हार्ड कोर्ट पर तो दोनों ने मुसलसल 22 मैच जीतने की कामयाबी भी हासिल की।
आईटीएफ ने भी सानटिना को 2015 का Women’s Doubles चैंपियन ऐलान किया। साबिका आलमी खिलाडी रह चुकीं हिंगिस ने हिंदुस्तान को और भी कामयाबियां दिलाईं। दिग्गज हिंदुस्तानी खिलाडी लिएंडर पेस के साथ खेलते हुए हिंगिस ने ऑस्ट्रेलियन ओपन, विंबलडन और अमेरिकी ओपन में Mixed Doubles खिताब जीते।
42 साल के हो चुके पेस ने उम्र की सरहद तोडते हुए टेनिस कोर्ट पर अपना Excellence बरकरार रखा और अगले साल रियो में होने वाले ओलंपिक खेलों में सातवीं बार हिंदुस्तान की कियादत करेंगे।
Men’s doubles में हालांकि वे इस साल सिर्फ एक खिताब अपने नाम कर सके। Men’s doubles में जहां हिंदुस्तान ने बैनुल अक्वामि सतह पर अपना परचम आली तरीन मुकाम पर लहराया, वहीं Single category में नाकामी इस साल भी जारी रही।
वर्ल्ड रैंकिंग में 93वें मुकाम पर रहे युकी भांबरी हिंदुस्तान के आली तरीन सीनीयर खिलाडी हैं। डेविस कप वल्र्ड ग्रुप प्ले ऑफ में हिंदुस्तान को 1-3 से हार झेलनी पडी और अब आइंदा साल उसे फिर से एशिया-ओसीनिया ग्रुप-1 में खेलना होगा।
(IANS)