सालों से अपनी जमीन के लिए तड़प रहे दलितों को दिखी उम्मीद की एक किरण

अहमदाबाद: गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में पांच साल पहले दलितों को आवंटित हुई जमीन काफी लंबे इंतजार के बाद मिल पाएगी जिसका वास्तविक अधिकार उन्हें आवतां के बाद नहीं मिल पाया था। जिला प्रशासन ने दलित आंदोलन के मद्देनजर उन्हें घर बनाने के लिए प्लॉट और खेती की जमीन देनी शुरू कर दी है।

आपको बता दें कि जिग्नेश मेवानी के नेतृत्व में ही राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच ने जमीन सौंपने की मांग को लेकर प्रदर्शन की शुरूआत की थी। मेवानी ने बताया कि साल 2011-12 में गरीब कल्याण मेला के दौरान सरकार ने पाटदी तालुका में 191 परिवारों को घर बनाने के लिए प्लॉट देने की घोषणा की जोकि अभी लोगों को नहीं मिल पाई है।

 85 लोगों को जमीन दिया जाना अभी बाकी है जबकि 97 को दस्तावेज अब तक नहीं सौंपे गए हैं। दलितों के अधिकार के लिए लड़ने वाले कार्यकर्ता राजू वाघेला बताते हैं कि प्रशासन ने छोटिला तालुका के पराबाड़ी गांव में जमीनों को बाटने के लिए माप शुरू हो गया है।