साहस, संकल्प, सच्चाई और बलिदान मांगता है देश: योगेंद्र यादव

राजनीति में आदर्श और सिद्धान्त स्थापित करने के उद्देश्य से बनी स्वराज इंडिया ने अपने स्थापना के दो वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस अवसर पर दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में देश भर के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। लोकसभा चुनाव से पहले हो रहे इस बैठक में स्वराज इंडिया की राष्ट्रीय परिषद ने राजनैतिक प्रस्ताव पारित करते हुए देश में आज गणतंत्र का संकट, चुनाव की चुनौती और स्वराज इंडिया की जिम्मेवारी पर चर्चा की।

स्थापना दिवस पर पार्टी अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने मोदी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि देश आज एक अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है। वर्तमान सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है और मोदी का तिलिस्म टूट रहा है। आज भारत के स्वधर्म को ख़तरा है। इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है की धर्म को नागरिकता के तौर पर शामिल किया जा रहा है। योगेंद्र यादव ने कहा की मोदी सरकार देश में एक बार फिर “टू नेशन थ्योरी” को थोपना चाह रही है।

उन्होंने कहा आज समस्या महज यह नहीं है कि मोदी सरकार निकम्मी साबित हुई, या वादा पूरा करने में विफल रही पूर्ववर्ती सरकारों ने भी ऐसा किया है, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि देश ने आज़ादी के इतिहास में प्रधानमंत्री मोदी से बड़ा झूठा प्रधानमंत्री नहीं देखा। स्वराज इंडिया को यह सुनिश्चित करना होगा कि आने वाला लोकसभा चुनाव देश के वास्तविक मुद्दों पर लड़ा जाए। उन्होंने कहा कि आगामी 6 महीनो में अगर किसानों नौजवानो को आंदोलन की धारा से नहीं जोड़ा गया तो देश में हिन्दू-मुस्लिम के नाम पर साम्प्रदायिक दंगे होंगे। उन्होंने कहा कि आज भारत गणतंत्र को सत्ता के केंद्र में बैठे लोगों से खतरा है।

योगेंद्र यादव ने कहा कि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से देश का आम आदमी त्रस्त है। विकास का मॉडल चंद घरानों की तिजोरी भरने के लिये बनायी जा रही है। स्तिथि ये है कि पुरे देश में विकास के नाम पर देशी-विदेशी कंपनियों का विकास किया जा रहा, देश कि पूंजी कि लूट मची है हर महीने मोदी सरकार के चहेते व्यापारी देश का पैसा लेकर विदेश भाग जाते हैं, उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने संस्थानों को बंधक बना लिया है। मीडिया खौफ के साये में काम कर रही है, न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर ऐसा हमला एमरजेंसी के दौर में भी नहीं हुआ था. उन्होंने कहा कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए यह सब से काला दौर है, खास तौर से मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया गया है, इस देश पिछले चार साल में या तो लॉन्चिंग हुई है या लिंचिंग हुई.

उन्होंने कहा कि भविष्य में 2 अक्टूबर को इस लिए भी याद रखा जायेगा कि इस दिन स्वराज इंडिया कि स्थापना हुई थी, कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए उन्हों ने कहा कि दुनिया का इतिहास चमचे नहीं बनाते, बल्कि विपरीत धारा में चलने वाले लोग  बनाते हैं.

सभा को सम्बोधित करते हुए स्वराज अभियान के अध्यक्ष और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि मोदी सरकार ने मीडिया के ऊपर ताला डाल दिया गया है।  अभिवक्ति कि स्वतंत्रता पर हमला हो रहा है, मोदी सरकार अपने झूठे प्रचार में सरकारी पैसा खर्च कर देश को गुमराह कर रही है. प्रशांत भूषण ने कहा कि इमरजेंसी में लोकतंत्र खतरे में था आज भारत की सभ्यता खतरे में है. उन्होंने कहा कि आज चुनौती दूसरी है, अगर मोदी सरकार 2019 में आ गई तो इस देश में लोकतंत्र और सभ्यता नहीं बचेगी, आज देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा को हराना है. प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए प्रशांत भूषण कहा कि प्रधानमंत्री खुद सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने और गाली गलौज देने वालों को प्रश्रय देते हैं।

कार्यक्रम के अंत में स्वराज इंडिया के 40 सदस्यों वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव किया गया।