नगालैंड, जम्मू और उधमपुर से बंदूक के फर्जी लाइसेंस बनवा कर सिक्यूरिटी गार्ड की मुलाज़मत कर रहे लोगों में हड़कंप मचा है। कई सिक्यूरिटी एजेंसी में तो ताले तक लटक गये हैं। हफ्ता भर के अंदर ही पुलिस फर्जी लाइसेंस लेकर सिक्युरिटी गार्ड की मुलाज़मत कर रहे 15 को पकड़ कर जेल भेज चुकी है। जुमा को भी दारुल हुकूमत की कई सिक्यूरिटी एजेंसियों के दफ्तरों पर पुलिस ने छापेमारी की।
पाटलिपुत्र कॉलोनी में चलनेवाली सीएमएस सिक्यूरिटी एजेंसी में पुलिस ने छापेमारी कर 30 सिक्यूरिटी गार्डो को हिरासत में लिया है। इनकी बंदूक के साथ ही लाइसेंस को भी जब्त किया गया है। इनके लाइसेंस की छानबीन की जा रही है। इस सिक्यूरिटी एजेंसी में तकरीबन 56 हथियारधारी सिक्यूरिटी गार्ड मुलाज़्मत करते हैं। एक सिक्यूरिटी गार्ड ने बताया कि उसका लाइसेंस पटना से ही बना हुआ है। वह काफी वक़्त से सिक्यूरिटी गार्ड की मुलाज़्मत कर रहा है। दारुल हुकूमत के दूसरे इलाकों में भी हथियार के साथ मुलाज़्मत कर रहे दर्जन भर से ज़्यादा सिक्यूरिटी गार्डो को हिरासत में लेकर इनके असलाह और लाइसेंस की तफ़सीश की जा रही है।
बंदूकधारी को ज़्यादा तंख्वाह
बंदूकधारी सिक्यूरिटी गार्ड को महीने में आठ से दस हजार रुपये दिये जाते हैं, जबकि आम सिक्यूरिटी गार्ड, जिनके पास असलाह नहीं होता है, उन्हें सिर्फ चार से पांच हजार रुपये ही मिलते हैं। ज़्यादा तंख्वाह की चाह में ही बंदूकधारी सिक्यूरिटी गार्ड गलत लोगों के हाथों में पड़ कर फर्जी लाइसेंस बनवा लेते हैं। इनमें सिक्यूरिटी एजेंसी चलानेवाले कई एख्तियार भी शामिल हैं। वही इनसे मोटी रकम लेकर नगालैंड, जम्मू या उधमपुर से फर्जी लाइसेंस बनवा दिया करते हैं। बाद में अपनी एजेंसी में कम तंख्वाह पर ही उन्हें सिक्युरिटी गार्ड की मुलाज़्मत देकर काम करवाते हैं।