सिख दुश्मन फ़सादात 1994 के मुतास्सिरीन के एक वफ़द ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह पर ज़ोर दिया कि वो उन्हें अदा किए हुए मुआवज़ा की रक़म में मज़ीद इज़ाफ़ा करे। क़ौमी नायब सदर शिरोमणि अकाली दल (बादल) ओंकार सिंह थापर ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला से आज सुबह उनकी क़ियामगाह पर मुलाक़ात की और अपने मुतालिबात पेश किए।
नरेंद्र मोदी हुकूमत ने कल एलान किया था कि सिख दुश्मन फ़सादात के महलोकीन के वारिस को पाँच लाख रुपये फी कस मुआवज़ा अदा किया जाएगा ।महलोकीन की तादाद 3325 थी। 31 अक्टूबर 1994 को इंदिरा गांधी के सिख बॉडी गार्ड्स ने उन्हें क़त्ल कर दिया था। इस के बाद सिख दुश्मन फ़सादात फूट पड़े थे। थापर ने मुतालिबा किया कि मुआवज़े की रक़म 20 लाख या 25 लाख की जाये और मुतास्सिरीन को मुक़र्ररा वज़ीफे में इज़ाफ़ा किया जाये।