वज़ीर जयप्रकाश भाई पटेल के बॉडीगार्ड और स्पेशल ब्रांच का सिपाही नवनीत तिवारी ने असलाह चोरी मामले में ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। इसके बाद 26 दिसंबर को हजारीबाग पुलिस उसे अहमदाबाद से ले आयी। उसे जेल भेज दिया गया है. इससे पहले सिपाही नवनीत तिवारी ने हजारीबाग अदातल में हदफ़ लेटर दाखिल कर कहा था कि वह हर तरह का टेस्ट कराने के लिए तैयार है। इसमें ब्रेन मैपिंग, नारको और पॉलिग्राफी टेस्ट भी शामिल था।
अदालत के हुक्म के बाद ही पुलिस नवनीत को अहमदाबाद वाक़ेय फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी लेकर गयी थी। वहां सबसे पहले उसका पॉलिग्राफी टेस्ट कराया गया। इस दौरान पुलिस ने उससे करीब 100 सवाल पूछे। पर उसने ब्रेन मैपिंग और नारको टेस्ट कराने से इनकार कर दिया। पॉलिग्राफी टेस्ट की रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को भेजी जायेगी।
क्या है मामला
23 नवंबर की रात हजारीबाग वाक़ेय पीएचडी के गेस्ट हाउस से वज़ीर के बॉडीगार्ड इंदर कुमार छत्री और किशन राय की दो एके -47 व पांच मैगजीन में उसकी 150 गोलियां, नवनीत की सर्विस पिस्तौल और 35 गोलियां चोरी हो गयी थी। वाकिया के बाद पुलिस ने नवनीत तिवारी को हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। 30 नवंबर की रात पुलिस को गेस्ट हाउस के पीछे झाड़ियों के बीच जमीन में गाड़ कर रखी दो एके-47 राइफल व 150 गोलियां मिली थी। दो दिन बाद पिस्तौल और उसकी गोलियां भी बरामद कर ली गयी। पूछताछ के दौरान नवनीत ने पुलिस के सामने बार-बार बयान बदला।