सियाचिन ग्लेशियर पर हिन्दुस्तान का मौक़िफ़ बे लचक : पाकिस्तान

विज़ारत-ए-ख़ारजा पाकिस्तान की तर्जुमान तसनीम असलम ने कहा कि हिन्दुस्तान ने कभी भी सियाचिन ग्लेशियर से फ़ौज के तख़लिया के बारे में तजावीज़ का मुसबत जवाब नहीं दिया।

अपनी हफ़तावार प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस इलाक़े से दोनों ममालिक की अफ़्वाज का तख़लिया करके उसे अमन पार्क में तबदील करदेना चाहिए लेकिन इस तजवीज़ पर हिन्दुस्तान की पालिसी बे लचक है। उन्होंने कहा कि माज़ी में भी इस तजवीज़ पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया था और हिन्दुस्तान अपनी फ़ौज का तख़लिया करवाने से इनकार करता रहा है।

इस लिए पाकिस्तान के लिए भी अपनी फ़ौज का तख़लिया करवाना मुम्किन नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मुतनाज़ा इलाक़े के मसला की पुरअमन यकसूई से दोनों ममालिक की माहौलियात को फ़ायदा हासिल होगा लेकिन हिन्दुस्तान के बे लचक रवैय्ये की वजह से मसले की यकसूई के कोई आसार नहीं हैं।

सियाचिन ग्लेशियर कश्मीर के सिलसिला हिमालया का शुमाली हिस्सा है। ये ग़ैर आबाद इलाक़ा सतह समुंद्र से 20 हज़ार फ़ुट बुलंद है। पहाड़ों पर 10 और 20 हज़ार फ़ुट की बुलंदी के दरमयान हिन्दुस्तानी और पाकिस्तानी फ़ौजें तैनात हैं। फ़ौज के माहिरीन के बमूजब यहां का मौसम इंतेहाई नासाज़गार है और पहाड़ी इलाक़ों में बर्फ़ के तूदे खिसकने से जितनी जानें ज़ाए होती हैं वो फायरिंग की वजह से भी नहीं होतीं।