पटना 7 जुलाई : सूबे में इलाकाई और कौमी सियासी पार्टियों पर इनकम टैक्स की नजर बनी हुई है। इनकम टैक्स के बिहार-झारखंड के इलाकाई हेड क्वार्टर तमाम सियासी जमातों पर इनकम टैक्स कानून के अमल नहीं करने को लेकर इसी तरह की एक कार्रवाई करने पर गौर कर रही है।
इञ्चोएम टैक्स महकमा के सरकारी ज़राए ने बताया कि अवामी सभा या रैली के एन्काद के दौरान कोई भी सियासी पार्टी किये जानेवाले अदायगी में स्नेत पर इनकम टैक्स की कटौती नहीं कर रहा है। ऐसे में किसी तरह का कोई तनज़ा न हो, इसके लिए एक तरह की कार्रवाई करने को लेकर गौर ओ फ़िक्र किया जा रहा है। किसी बड़े एन्काद के दौरान हुए अदायगी के दौरान स्नेत पर इनकम की कटौती कानूनी तौर से जरूरी है।
वजीर और असेंबली रुक्न को दिया जायेगा नोटिस
इनकम टैक्स महकमा के सरकारी जराए ने बताया कि अवाम पार्टी यूनाइटेड को गांधी मैदान में मुनाक्किद की गयी हक रैली के दौरान किये गये खर्च और अदायगी की मालूमात देने को लेकर नोटिस भेजा गया था, जिसके जवाब में बताया गया कि वजरा और असेंबली रुक्न ने चंदे के ज़रिये से रक़म खर्च की थी।
ऐसे में, किस वजीर और असेंबली रुक्न को कितने चंदे कहां से हासिल हुए इसकी जानकारी देने को लेकर फिर से नोटिस भेजा जायेगा। राजद की तरफ से तबदीली रैली का मुनाक्किद किया गया था। इसमें हुए खर्च की जानकारी देने को लेकर नोटिस दिया गया है, लेकिन अब तक इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं हासिल हुआ है। जबकि भाजपा की तरफ से अक्तूबर में हुंकार रैली के एन्काद की तैयारी की जा रही है। ऐसे में भाजपा को पहले ही नोटिस भेज कर अदायगी के ज़रिये पर ही इनकम टैक्स की कटौती करने का हिदायत दिया जायेगा।
दिया जा चुका है एडवाइजरी नोटिस
इनकम टैक्स महकमा के इलाकाई हेड क्वार्टर की तरफ से पहले ही तमाम सियासी पर्य्तियों को एडवाइजरी नोटिस भेजा जा चुका है। जिसमें किसी भी सियासी तंजीम को लेकर किये जाने वाले अदायगी के दौरान इनकम टैक्स कानूनों के तहत कार्रवाई करने की सलाह दी गयी है। इनकम टैक्स महकमा का कहना है कि किसी तरह के इनकम टैक्स कानून के खिलाफ वर्जी पर पेनाल्टी लगाने का हक सुप्रीम कोर्ट के साबिक़ के हिदायतों के मुताबिक पाबंद है। इसमें रियायत की गुंजाइश नहीं है।