ओबला पोरम कानकनी अस्क़ाम में गिरफ़्तार शूदा आई ए एस ओहदेदार वाई सिरी लक्ष्मी जिन्हें ख़िदमात से मुअत्तल किया जा चुका है की ज़मानत की दरख़ास्त को हाईकोर्ट ने मुस्तर्द(खारिज) कर दिया ।
दोनों जानिब से बहस को समाअत(शुनवाइ) करने के बाद अदालत ने ज़मानत की अर्ज़ी(दरखास्त ) को मुस्तर्द(खारिज) कर दिया । जब कि सी बी आई ने इस्तिदलाल(दावा) पेश किया था कि ज़मानत की सूरत में आई ए एस ओहदेदार सबूतों को मिटा सकती हैं
और गवाहों को गुमराह कर सकती हैं जब कि तहक़ीक़ाती एजंसी के लिये उन की मौजूदगी ज़रूरी है और सिरी लक्ष्मी को ज़मानत मंज़ूर ना करने की अदालत से गुज़ारिश की । दूसरी जानिब सिरी लक्ष्मी के वकील ने कहा कि सी बी आई उन के मुवक्किल के ख़िलाफ़ बे बुनियाद इल्ज़ामात आइद कर रही है ।।