टीम इंडिया के साबिक कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन के बेटे असदुद्दीन को उत्तर प्रदेश की टीम में विजय हजारे ट्रॉफी के लिए शामिल किया गया है| इस तरह इंडियन क्रिकेट में अब एक और साबिक क्रिकेटर के बेटे का आमद हो गया| दिलचश्प बात है कि असद का सलेक्शन दिर्फ एक हफ्ते और तीन मैच के ट्रायल के बाद ही हो गया| यूपी के सेलेक्टरों का दावा है कि असद ने ट्रायल ने शानदार मुज़ाहिरा किया था| लेकिन मुज़ाहिरा को देखें तो तीन ट्रायल मैचों के दौरान असद ने सिर्फ एक हाफ सेंचरी लगाया था|
उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन(यूपीसीए) का कहना है कि उनका सलेक्शन मेरिट और मुज़ाहिरा की बुनियाद पर हुआ है| यूपीसीए के सेक्रेटरी राजीव शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एमपी रहने के दौरान अजहर की खाहिश जताया था कि उनका बेटा यूपी की नुमाइंदगी करें लेेकिन वे हैदराबाद से हैं जिसकी वजह हमने एनओसी मांगी थी| अजहर ने हमें इस साल एनओसी दे दी| मैंने अजहर को कहाकि टीम में सेलेक्शन सिर्फ मुज़ाहिरा की बुनियाद पर होगा| ट्रायल के दौरान उन्होंने अच्छा मुज़ाहिरा किया जिसके बाद उनका सेलेक्शन किया गया| इसमें कोई सियासी दबाव नहीं था|
हैरानी वाली बात है कि यूपी के ही मोहम्मद सैफ को अभी भी अंडर-19 टीम में खिलाया जा रहा है जबकि पिछले साल बीसीसीआई ने सैफ को बेस्ट जूनियर खिलाड़ी ऐलान किया था| इस बारे में शुक्ला ने बताया कि सैफ और एक दूसरे खिलाड़ी रिंकू सिंह को अंडर-19 टीम में इसलिए खिलाया जा रहा है कि क्योंकि यूपी इस ग्रुप का चैंपियन है| अगर ये दोनों इस ग्रुप में नहीं खेलेंगे तो हमारी टीम कमजोर हो जाएगी|
इसी बीच असद का सेलेक्शन कई सवाल खड़े करता है| इस सेशन में असद ने कोई बड़ी पारी नहीं खेली है| उनका सबसे ज़्यादा स्कोर 54 रन है जो उन्होंने हैदराबाद लीग में बनाया था| असद दो साल से आईपीएल टीम कोलकाता नाइटराइडर्स की दूसरे दर्जे की टीम का हिस्सा है लेकिन अभी तक आईपीएल में नहीं खेल पाएं हैं| खबरों की माने तो हैदराबाद के कोच वेंकटेश प्रसाद को भी असद अपने खेल से मुतास्सिर नहीं कर पाए थे|