हैदराबाद 24 मई: जारीया साल सिविल सर्विस इमतेहानात में तेलंगाना के अक़लियती तलबा के बेहतर मुज़ाहिरे का ख़ाब फिर एक-बार अधूरा रह सकता है क्युं कि अक़लियती बहबूद महिकमा ने अभी तक स्टूडेंट्स के लिए कोचिंग सेंटर का इंतेख़ाब नहीं किया।
अब जबकि ख़ानगी, मयारी कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस कोचिंग के लिए सिर्फ ढाई माह बाक़ी रह गए हैं, एसे में अक़लियती स्टूडेंट्स के लिए कॉम्पिटिटिव इमतेहानात में बेहतर मुज़ाहरा करना मुम्किन नज़र नहीं आता। वाज़िह रहे कि तेलंगाना हुकूमत ने माइनॉरिटी स्टडी सर्किल के ज़रीये जारीया साल 62 अक़लियती स्टूडेंट्स को मयारी सिविल सर्विस कोचिंग सेंटरस में दाख़िला दिलाने का फ़ैसला किया लेकिन जिस कमेटी को कोचिंग सेंटरस के इंतेख़ाब की ज़िम्मेदारी दी गई , उसने आज तक अपनी रिपोर्ट हुकूमत को पेश नहीं की।
सिविल सर्विस के इमतेहानात अगस्त के तीसरे हफ़्ते में मुक़र्रर हैं। एसे में अक़लियती स्टूडेंट्स किस तरह ढाई माह की मुख़्तसर मुद्दत में मुकम्मिल कोर्स की तकमील कर सकते हैं। ख़ानगी इदारों की तरफ से सिविल सर्विसेस के लिए 6 माह की कोचिंग दी जाती है जिसके आग़ाज़ को चार माह हो चुके हैं लेकिन महिकमा अक़लियती बहबूद ने अक़लियती स्टूडेंट्स के लिए अभी तक कोचिंग सेंटरस का इंतेख़ाब नहीं किया। इस से ना सिर्फ महिकमा की कारकर्दगी बल्के ओहदेदारों की अक़लियतों की तरक़्क़ी से दिलचस्पी का अंदाज़ा बख़ूबी किया जा सकता है।
अक़लियती बहबूद के ओहदेदारों को इस तरफ फ़ौरी तवज्जा की ज़रूरत है। ताकि स्टूडेंट्स के मुस्तक़बिल से हमेशा की तरह खिलवाड़ के बजाये उस का तहफ़्फ़ुज़ किया जा सके। स्टूडेंट्स ने शिकायत की के वो मालूमात के लिए रोज़ाना अकलियती बहबूद के दफ़ातिर के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें कोई जवाब देने वाला नहीं है। एसा महसूस होता है कि ओहदेदारों ने हुकूमत की इस स्कीम को नाकाम करने और अक़लियती नौजवानों के मुस्तक़बिल से खिलवाड़ की ठान ली है।